भोपाल: प्रदेश के दूर दराज जिलों और इनके विधानसभा क्षेत्र के छोटे बड़े कामों के लिए राजधानी दौड़ से निजात मिलने वाली है. प्रदेश सीएम कार्यालय को सीधे विधायक कार्यालय से जोड़ने की तैयारी की जा रही है.इन कार्यालयों के निर्माण के लिए राशि भी जारी की जाएगी.
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से ग्वालियर चंबल संभाग के विधायकों ने मुलाकात की थी. जिसमें उन्होंने छोटे छोटे कामों के लिए भोपाल दौड़ लगाने में आने वाली समस्याओं से सीएम को अवगत कराया था. इस दौरान विधायकों ने अपना क्षेत्र और जरूरी काम छोड़कर भोपाल आने के बारे में बताया. इसको लेकर सीएम डॉ मोहन यादव ने प्रदेश के सभी विधायक कार्यालय को मुख्यमंत्री कार्यालय से जोड़ने की बात कही है. उन्होंने इन कार्यालयों को अपडेट करने के लिए 5 लाख रुपए की राशि जारी करने के लिए भी कहा है. इस सुविधा के शुरू हो जाने से विधायकों को बार बार भोपाल आने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
कई घंटों का सफर
प्रदेश की दूर तक फैली सीमाओं के चलते भोपाल पहुंचने के लिए घंटों का सफर करना पड़ता है. ग्वालियर, चंबल, रीवा, झाबुआ, बुरहानपुर, नीमच जैसे जिलों से लोगों को भोपाल आने में 8 से 10 घंटे तक का सफर करना पड़ता है.
रह जाते हैं जरूरी काम
विधानसभा क्षेत्र छोड़कर भोपाल तक आने जाने में विधायकों को दो से तीन या कभी कभी उससे भी ज्यादा समय खर्च हो जाता है. इसके चलते इन दिनों में विधानसभा क्षेत्र के जरूरी काम रुक जाते हैं.
दूर इतना…
ग्वालियर 431 किमी
भिंड 517 किमी
रीवा 540 किमी
सतना 516 किमी
छिंदवाड़ा 313 किमी
बुरहानपुर 335 किमी
झाबुआ 337 किमी
नीमच 402 किमी