समस्तीपुर: जिले के बिथान प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सोहमा पंचायत में मनरेगा योजना के तहत बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. पंचायत निवासी प्रमोद कुमार यादव ने इस घोटाले को उजागर करते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव को ऑनलाइन आवेदन देकर विस्तृत शिकायत दर्ज कराई है.
कागजों पर योजनाएँ, जमीन पर शून्य कार्य
यादव ने अपने आवेदन में आरोप लगाया है कि पंचायत क्षेत्र में मनरेगा के तहत दर्जनों योजनाओं को कागजों पर पूरा दिखाकर सरकारी राशि की अवैध निकासी की गई. उन्होंने बताया कि खेत–पोखरी निर्माण कार्य महज़ कागजी खानापूर्ति तक सीमित रहे. अब तक पंचायत क्षेत्र में एक भी पोखरी का निर्माण नहीं हुआ. एक ही परिवार के 6 सदस्यों को खेत–पोखरी निर्माण का लाभ दिखाकर राशि निकाल ली गई.
विद्यालय परिसर में भी फर्जीवाड़े के आरोप
यादव ने यह भी बताया कि राजकीय +2 विद्यालय सोहमा के प्रांगण में मिट्टी, पहुँच पथ एवं ईंटकरण सहित कई कार्यों के नाम पर भी अवैध निकासी हुई. +2 रा. उच्च विद्यालय में बने छठ घाट के एस्टीमेट की जाँच कराने की आवश्यकता है.
फर्जी वेंडर ‘एल के ट्रेडर्स’ के नाम पर भुगतान
शिकायत में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि पंचायत में वेंडर के नाम पर ‘एल के ट्रेडर्स’ को भुगतान किया गया, जबकि इस नाम का कोई वास्तविक फर्म अस्तित्व में ही नहीं है. ‘एल के ट्रेडर्स’ का GST Suo-Motto 27/07/2023 को ही रद्द कर दिया गया था. इसके बावजूद 15/01/2024 और 28/01/2024 को फर्जी बिल जारी कर भुगतान किया गया. यादव ने इन सभी मामलों के पुख़्ता दस्तावेज़ भी अपनी शिकायत के साथ प्रस्तुत किए हैं.
ग्रामीणों ने भी जताई नाराज़गी
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत के कई गांवों और कस्बों में बिना कार्य किए केवल कागजी खानापूर्ति कर सरकारी राशि का गबन किया गया है. यादव ने बताया कि इससे पहले भी वे ऐसी ही शिकायत जिला प्रशासन को दे चुके हैं. उन्होंने वित्तीय वर्ष 2021–25 में मनरेगा के तहत हुए सभी कार्यों की स्थलीय जांच और भौतिक सत्यापन की मांग की है. उनका आरोप है कि पंचायत रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता एवं मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी की मिलीभगत से सरकारी खजाने की लूट की गई है.
मनरेगा वेबसाइट से हुई खुलासे की पुष्टि
यादव ने मनरेगा की आधिकारिक वेबसाइट से योजनाओं की स्थिति की जांच कराई तो पाया कि दर्जनों खेत–पोखर एवं मिट्टी–ईंटकरण के नाम पर राशि निकासी दिखी, लेकिन जब धरातल पर सत्यापन किया गया तो एक भी कार्य नहीं मिला.
जिला प्रशासन हरकत में, जांच शुरू
शिकायत के आलोक में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की ओर से उप विकास आयुक्त ने त्वरित जांच का आदेश जारी किया है. प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वही इस सम्बंध में मनरेगा विभाग से सम्बंधित सभी कर्मियों से पूछे जाने पर बताया कि मानसून की वजह से योजनाओं का कार्य अधूरा है।जल्द ही कार्य सम्पन्न किया जाएगा.