बंगाल में एक बार फिर शुरू होगा मनरेगा, कलकत्ता हाई कोर्ट का केंद्र सरकार को आदेश

तीन साल की बंदी के बाद पश्चिम बंगाल में फिर से मनरेगा योजना शुरू होने जा रही है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह 1 अगस्त 2025 से राज्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) को बिना किसी देरी के लागू करे।यह आदेश चीफ जस्टिस टी.एस. शिवगणनम और जस्टिस चैताली चटर्जी दास की खंडपीठ ने दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि योजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिए आवश्यक शर्तें और निगरानी अधिकारी तय कर सकते हैं, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की गड़बड़ी दोहराई न जा सके।

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जांच जारी रहेगी, लेकिन योजना भी चलेगी

हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि योजना लागू होने के बावजूद पूर्व बर्धमान, हुगली, मालदा और दार्जिलिंग जिलों में पहले हुई अनियमितताओं की जांच जारी रह सकती है। हालांकि, इसका असर नए फंड रिलीज और योजना के संचालन पर नहीं पड़ेगा।

क्यों रोकी गई थी फंडिंग?

2022 में केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में मनरेगा के तहत फंड देना बंद कर दिया था। केंद्र का दावा था कि 63 स्थानों में से 31 में अनियमितताएं पाई गई थीं, इसलिए यह कदम उठाया गया। इसकी वजह से लाखों ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार से वंचित होना पड़ा।2021-22 में पश्चिम बंगाल को मनरेगा के तहत 7,507.80 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन उसके बाद से फंडिंग पूरी तरह रोक दी गई थी।

कोर्ट का फोकस – योजना फिर से शुरू हो

हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसकी प्राथमिकता योजना के पुनः संचालन को सुनिश्चित करना है, ताकि राज्य के ग्रामीण इलाकों में फिर से रोजगार के अवसर सृजित हो सकें।

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