पुरी (ओडिशा): श्रीजगन्नाथ मंदिर में भगवान को अर्पित किए जाने वाले विशेष प्रसाद “मोदक” के गायब होने से मंदिर परिसर में हड़कंप मच गया है। यह मामला तब सामने आया जब दशमूल अनुष्ठान के लिए तैयार किए गए 313 अमुनिया मोदकों में से 70 मोदक गायब पाए गए।इस घटना ने सेवायतों और श्रद्धालुओं के बीच चिंता और नाराजगी बढ़ा दी है। साथ ही मंदिर की सुरक्षा और प्रबंधन व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे हैं।भगवान जगन्नाथ के दशमूल अनुष्ठान के लिए मंदिर के राजवैद्यों द्वारा विशेष मोदक तैयार किए गए थे। इन्हें गरदा घर नामक सुरक्षित स्थान पर रखा गया था, जहां सुरक्षा की जिम्मेदारी मंदिर के कमांडर के अधीन होती है।
21 और 22 जून की रात अनुष्ठान के समय जब भगवान को मोदक अर्पित किए जाने थे, तब यह पाया गया कि 70 मोदक गायब हैं।
भगवान बलभद्र के बाड़ग्रही सेवायत हलधर दासमहापात्र ने मंदिर प्रशासन को लिखित शिकायत दी और आरोप लगाया कि मोदकों की चोरी प्रशासन से जुड़े किसी व्यक्ति ने की है।इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने कहा:
“प्रशासनिक कर्मचारियों का मोदकों से कोई लेना-देना नहीं होता। केवल अधिकृत सेवायत ही इन प्रसादों को छू सकते हैं। हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, 313 मोदक आए थे और पूरे के पूरे मंदिर परिसर से बाहर भी ले जाए गए हैं। फिर भी हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और CCTV फुटेज की भी जांच की जाएगी।”
मुख्य प्रशासक ने कहा कि यह मामला मंदिर की गोपनीय नीति से जुड़ा है, इसलिए सार्वजनिक रूप से ज्यादा जानकारी देना उचित नहीं होगा। हालांकि, प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।इस घटना ने मंदिर की पवित्रता और परंपरा को लेकर लोगों की भावनाओं को झकझोर दिया है। श्रद्धालु और सेवायत इस रहस्य से पर्दा उठने का इंतजार कर रहे हैं कि आखिर इतने कड़े सुरक्षा इंतज़ामों के बावजूद मोदक कैसे गायब हुए?