किसानों और रेलवे के लिए मोदी कैबिनेट ने लिए 6 बड़े फैसले, पीएम कृषि संपदा योजना के लिए उठाया बड़ा कदम

मोदी कैबिनेट ने किसानों और रेलवे से जुड़ेछह बड़े फैसले लिए हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एनसीडीसी-नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का फंड बढ़ाया गया है. 94 प्रतिशत किसान इससे जुड़े हैं. कैबिनेट ने 2000 करोड़ की वित्तीय सहायता दी है. उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने 2025-26 से 2028-29 तक के लिए 2000 करोड़ रुपये के खर्च वाली केंद्रीय क्षेत्र योजना ‘राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को अनुदान सहायता’ को मंज़ूरी दी है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम कृषि संपदा योजना में 6520 करोड़ रुपये की वित्तीय आउटले बढ़ाया गया है. लैब व ढांचागत सुविधा के लिए 1000 करोड़ की अतिरिक्त सहायता देने का ऐलान किया है. इसके तहत फूड टैस्टिंग लैब और इरिडेशन यूनिट लगाई जाएंगी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि फूड प्रोसेसिंग पिछले 11 साल में डबल हो गया है.

इटारसी से नागपुर तक रेल लाइन को मंजूरी

उन्होंने बताया कि एक्सपोर्ट 5 बिलियन डॉलर से 11 बिलियन डॉलर हो गया है. इसके साथ ही सरकार ने रेलवे की बड़ी परियोजना का ऐलान किया है. इटारसी से नागपुर चौथी लाइन बनाने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दी है. तीसरी लाइन का काम चल रहा है और चौथी लाइन को आज मंजूरी मिली है.

किसान संपदा योजना में कहां कितना खर्च होगा?

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने 2021-22 से 2025-26 के दौरान चल रही इस योजना के लिए 1920 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय सहित कुल 6520 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी है. इसमें बजट घोषणा के अनुसार PMKSY की घटक योजना- एकीकृत शीत श्रृंखला और मूल्य संवर्धन अवसंरचना (ICCVAI) के तहत 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों और घटक योजना- खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना (FSQAI) के तहत NABL मान्यता प्राप्त 100 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं (FTL) की स्थापना के लिए 1000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही PMKSY की विभिन्न घटक योजनाओं के तहत परियोजनाओं के लिए 920 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है.

 

इसके साथ ही कैबिनेट ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी. इससे भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क लगभग 574 किलोमीटर बढ़ जाएगा.

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