केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कर्ज के बोझ से दबी राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) के लिए 11,440 करोड़ रुपये की पुनरुद्धार (रिवाइवल) योजना को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने आरआईएनएल के लिए 11,440 करोड़ रुपए की रिवाइवल योजना को मंजूरी दे दी है.
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस निवेश में आरआईएनएल में शेयर पूंजी के रूप में 10,300 करोड़ रुपए और 1,140 करोड़ रुपए के कार्यशील पूंजी ऋण को सात प्रतिशत नॉन कुमुलेटिव प्रेफरेंस शेयर पूंजी के रूप में परिवर्तित करना शामिल है. इसे 10 सालों के बाद भुनाया जा सकेगा, ताकि आरआईएनएल को चालू हालत में रखा जा सके.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
आरआईएनएल की समस्याएं होंगी खत्म
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस रिवाइवल पैकेज से आरआईएनएल की कई पुरानी समस्याएं हल हो जाएंगी. बयान में कहा गया, आरआईएनएल में 10,300 करोड़ रुपए की शेयर पूंजी निवेश से उसे कार्यशील पूंजी जुटाने से संबंधित परिचालन संबंधी समस्याओं को दूर करने और सबसे अधिक उत्पादक तरीके से ब्लास्ट फर्नेस परिचालन शुरू करने में मदद मिलेगी.
भारतीय इस्पात बाजार में स्थिरता
रिवाइवल पैकेज से कंपनी धीरे-धीरे अपनी पूर्ण उत्पादन क्षमता तक पहुंच सकेगी, जो महत्वपूर्ण है. इस्पात उत्पादन को बढ़ाकर भारतीय इस्पात बाजार में स्थिरता लाने तथा कर्मचारियों (नियमित और अनुबंध वाले) और इस्पात संयंत्र के संचालन पर निर्भर लोगों की आजीविका को बचाने के लिए राष्ट्रीय हित में है.
आंध्र प्रदेश में एकमात्र स्टील प्लांट
रिवाइवल योजना में परिकल्पना की गई है कि आरआईएनएन जनवरी 2025 में दो ब्लास्ट फर्नेस के साथ और अगस्त 2025 तक तीन ब्लास्ट फर्नेस के साथ पूर्ण उत्पादन शुरू कर देगा. इस्पात मंत्रालय के तहत, आरआईएनएल विशाखापत्तनम स्टील संयंत्र (वीएसपी) का संचालन करती है, जो आंध्र प्रदेश में एकमात्र अपतटीय इस्पात संयंत्र है.