प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि किसानों के हितों से भारत कभी समझौता नहीं करेगा, क्योंकि भारत अब ‘आत्मनिर्भर’ बन रहा है. टैरिफ चुनौती और व्यापार गतिरोध के बीच PM मोदी ने बिना नाम लिए ट्रंप को यह छोटा, मगर एक खास संदेश दे डाला.
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को अपने लगातार 12वें स्वतंत्रता दिवस भाषण में कहा, ‘स्वतंत्रता के बाद सभी के लिए भोजन उपलब्ध करना एक चुनौती थी, लेकिन हमारे किसानों ने हमें आत्मनिर्भर बनाया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों, पशुपालकों और मझुआरे हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं. उन्होंने कहा कि इनसे जुड़ी किसी भी अहितकारी नीति के आगे मोदी दीवार की तरह खड़े हैं, भारत किसानों के हितों से कभी कोई समझौता नहीं करेगा.’
अपनी सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए प्रयास को दोहराते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरे देशों पर निर्भर रहना आपदा का कारण है. हमें अपने हितों की रक्षा के लिए आत्मनिर्भर होना चाहिए. पिछले सप्ताह भी प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह किसानों के हितों की रक्षा के लिए व्यक्तिगत रूप से बड़ी कीमत चुकाने को तैयार हैं.
क्यों अटका है अमेरिका के साथ व्यापार समझौता
किसानों के हितों से भारत समझौता नहीं करना चाहता है. साथ ही डेयरी सेक्टर्स भी अमेरिका के लिए नहीं खोलना चाहता है. अपने घरेलू बाजार को खोलने के ट्रंप के दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं है. यही कारण है कि अमेरिका से भारत का व्यापार समझौता इसलिए अटका हुआ है, जिसे लेकर भारत पर अमेरिका दबाव बना रहा है. ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है और रूसी तेल की निरंतर खरीद पर 25 फीसदी अन्य टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा.
2025 के अंत तक भारत में बेनेंगे चिप
वैश्विक व्यापार अस्थिरता के बीच अपने ‘स्वदेशी’ अभियान को दोहराते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत आत्मनिर्भर और ऊर्जा-स्वतंत्र बनने के लिए काम कर रहा है. 21वीं सदी को ‘टेक्नोलॉजी ड्राइव सेंच्युरी’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में निर्मित चिप्स इस साल के अंत तक बाजार में आ जाएंगी. उन्होंने वैश्विक बाजारों में भारत की क्षमता साबित करने के लिए ‘अपने स्वयं के उर्वरक’ और लड़ाकू विमानों के लिए स्वदेशी इंजन विकसित करने को भी कहा.
10 गुना बढ़ाना है परमाणु क्षमता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम जानते हैं कि अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए हम कई देशों पर निर्भर हैं, लेकिन एक सच्चे आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए हमें ऊर्जा स्वतंत्रता हासिल करनी होगी. पिछले 11 सालों में हमारी सौर ऊर्जा क्षमता 30 गुना बढ़ गई है. दस नए परमाणु रिएक्टर वर्तमान में चालू हैं. जब तक भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा, तब तक हमारा लक्ष्य अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को दस गुना बढ़ाना है.