राजगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी (नरेन्द्र मोदी) खुद गालियां देते हैं। अपनी मां के निधन पर मुंडन तक नहीं कराया। अब बिहार बंद करा रहे हैं। दिग्विजय ने कहा कि गाली किसने दी है? क्या कांग्रेस के किसी वर्कर ने दी है, या नेता ने दी है? अरे मोदीजी खुद गाली देते हैं। उन्होंने सोनिया व राहुल को क्या-क्या नहीं कहा। दरअसल संविधान क़ो खतरा, वोट की चोरी पर अब बोलने को कुछ बचा नहीं है तो अपनी मां के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अरे मोदीजी आपने कितनी सेवा की है माताजी की। आप अपने आपको सनातनी हिंदू कहते हैं तो माताजी का देहांत हुआ तो आपने मुंडन भी क्यों नहीं कराया।
शराबबंदी कोई विकल्प नहीं
जीतू पटवारी द्वारा मप्र में सर्वाधिक महिलाओ के शराब पीने वाले बयान पर दिग्विजयसिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा की शराब नीति में यह स्पष्ट है कि जहां महिलाएं जिस मोहल्ले में दुकान है उसको हटाने के लिए अगर 50 प्रतिशत महिलाएं लिखकर दें तो दुकान हटा दी जाती है। दो प्रांत है गुजरात और बिहार में जहां शराबबंदी है, लेकिन वहां शराब की उपलब्धता आसानी से हो रही है। तो शराब बंदी इसका कोई विकल्प नहीं है, लेकिन शराब कब जो वितरण है वह इस प्रकार से हो इसका प्रचार प्रसार ज्यादा न हो।कांग्रेस पार्टी ने आजादी के बाद ऐसे लोगों को जिन्हें पढ़ाई का हक नहीं था, जिन्हें अमीर बनने का हक नहीं था! जो वंचित वर्ग के लोग थे उन्हें वह दिलवाया।
जो गरीब थे उनको नौकरी दी गई, जमीने दी गईं, शिक्षा दी गई ता कि अमीर गरीब की खाई कम से कम हो सके! इंदिरा गांधी जी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। इसके पहले बैंक निजी हुआ करते थे, जो किसानों को गरीबों को कर्ज नहीं देते थे, बल्कि व्यापारी और उद्योगों को कर्जा देते थे, लेकिन इंदिरा जी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके बैंकों के द्वारा गरीबों के लिए खोल दिए थे।
आरक्षण भी समाजवाद के लिए दिया गया था, ताकि शिक्षा, नौकरी, राजनीति में आरक्षण के माध्यम से वंचित वर्ग आगे आएगा! हालांकि आरक्षण शुरू में 10 वर्ष के लिए था, लेकिन फिर बाद में इसको बढ़ा दिया।
2014 से 2025 के बीच में 11 वर्ष में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने गरीब मजदूर किसान का ₹1 का कर्ज माफ नहीं किया। भाजपा सरकार ने उद्योगपतियों के हित में नीतियां बनाई! उन्होंने उद्योगपतियों का 16 लाख करोड़ का कर्ज माफ किया।