कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका की तरफ से भारत पर लगाए गए टैरिफ और रूस के साथ किए जा रहे तेल व्यापार पर लगाई गई पेनल्टी को लेकर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया है. उन्होंने कहा, अदाणी की वजह से पीएम मोदी के हाथ बंधे हुए हैं.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, भारत, कृपया समझें, प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति ट्रंप की बार-बार की धमकियों के बावजूद, उनके सामने खड़े नहीं हो पा रहे हैं, इसकी वजह अदाणी के खिलाफ अमेरिका में चल रही जांच है. राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर कारोबारी गौतम अदाणी को लेकर निशाना साधा. राहुल गांधी ने आगे कहा, एक धमकी मोदी की एए और रूसी तेल सौदों के बीच वित्तीय संबंधों को उजागर करने की है. मोदी के हाथ बंधे हुए हैं.
ट्रंप ने भारत पर लगाया टैरिफ
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है. साथ ही यह भी कहा है कि रूस से तेल आयात करने पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसी के साथ ट्रंप ने भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को लेकर भी कमेंट किया. दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को उन्होंने डेड इकोनॉमी कहा. ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं रहा है और वो अगले 24 घंटों में भारत पर शुल्क को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएंगे.
ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वो अगले 24 घंटों में भारत से इम्पोर्ट पर लगाए गए टैरिफ को वर्तमान 25% की दर से काफी हद तक बढ़ा देंगे. इसकी वजह उन्होंने भारत का रूस से तेल खरीदना जारी रखना बताया है.
राहुल गांधी ने पीएम पर साधा निशाना
इन सब चीजों के बीच राहुल गांधी का आरोप है कि पीएम मोदी ट्रंप की तरफ से लगातार टैरिफ बढ़ाने को लेकर दी जा रही धमकियों पर जवाब नहीं दे रहे हैं. राहुल गांधी ने इसी को लेकर टारगेट करते हुए कहा कि पीएम मोदी के हाथ बंधे हुए हैं. हालांकि, इससे पहले जब ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को डेड कहा था. तब राहुल गांधी ने कहा था, हां, वो सही कह रहे हैं, पीएम और वित्त मंत्री को छोड़कर हर कोई यह जानता है. सभी को पता है कि भारतीय इकोनॉमी डेड है.
ट्रंप की तरफ से लगाए गए टैरिफ पर 4 अगस्त 2025 को, भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया. ट्रंप की टैरिफ धमकियों को “अनुचित और बेतुका” बताते हुए, विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि भारत की रूस से तेल खरीदें अस्तित्व की रक्षा के लिए हैं, न कि मास्को के प्रति सहानुभूति के लिए.