देश में लोकसभा का चुनाव अपने अंतिम पड़ाव में है और 1 जून को साथ में चरण के लिए वोट डाले जाएंगे 4 जून को चुनाव परिणाम भी आ जाएंगे. अंतिम चरण के चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के नेता और भोजपुरी फिल्म के गायक, अभिनेता मनोज तिवारी पंजाब के मोगा में चुनाव प्रचार करने के लिए पहुंचे.
पंजाब के मोगा में मनोज तिवारी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाले लोगों को पंजाब गले लगाकर रखता है लेकिन कांग्रेस के लोगों ने बिहार-यूपी के लोगों के लिए कहा है कि हम तुम्हें पंजाब में घुसने नहीं देंगे. ये देख लो कि मनोज तिवारी पंजाब में खड़ा है. भाजपा और पीएम मोदी के रहते कांग्रेस के लोग हमारे देश को बांट नहीं सकते.
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भारतीय जनता पार्टी मनोज तिवारी के बहाने पंजाब में उत्तर प्रदेश और बिहार के वोटरों को अपने पक्ष में साधने में लगी हुई है. पंजाब के विभिन्न हिस्सों में उत्तर प्रदेश और बिहार से गए हुए वोटरों की संख्या बड़े पैमाने पर है. जिसको साधने में भारतीय जनता पार्टी लगी हुई है.
संगरूर से कांग्रेस उम्मीदवार सुखपाल सिंह खैरा ने हाल ही में कहा था कि प्रवासियों को पंजाब में न तो मतदान का अधिकार होना चाहिए और न ही सरकारी नौकरियां दी जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि प्रवासियों को राज्य में जमीन खरीदने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. खेड़ा के इस बयान पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासियों के खिलाफ सुखपाल सिंह खैरा की टिप्पणी को लेकर मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधा, हालांकि कांग्रेस पार्टी ने खुद को खेड़ा के बयान से अलग कर लिया था.
बिहार के महाराजगंज में एक रैली को संबोधित करते हुए, पीएम ने खैरा का नाम लिए बिना कहा, “वे (इंडिया ब्लॉक) बिहार के लोगों का अपमान कर रहे हैं. कांग्रेस नेता राजपरिवार के करीबी हैं. उनका कहना है कि बिहार के लोगों का बहिष्कार किया जाना चाहिए, पंजाब में सभी अधिकार छीन लिए जाने चाहिए और उन्हें वहां घर खरीदने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, लेकिन शाही परिवार इस पर चुप्पी साधे हुए है। उनका मन ऐसी नफरत से भरा हुआ है.”
इस बीच, कांग्रेस पार्टी के तरफ से सफाई देते हुए पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि समावेशिता और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के प्रति कांग्रेस की अटूट प्रतिबद्धता है. “खेड़ा का बयान केवल एक व्यक्तिगत विचार को प्रतिध्वनित करता है. हम अपने देश के विकास में प्रत्येक व्यक्ति के रहने, काम करने और चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने के अधिकार का समर्थन करते हैं.