भोपाल। अगले महीने अपनी पहली छह माही पूरी कर रही मप्र को डॉ मोहन यादव सरकार का पहला बजट जुलाई माह में आने की संभावना है। इस बजट में कर्मचारियों के लिए खास प्रावधान किए जा रहे हैं। साथ ही सवा तीन लाख करोड़ से ज्यादा के इस बजट में केंद्रीय योजनाओं के लिए एक निश्चित अंश रखने की अनिवार्यता भी सभी विभागों को रखी जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग मोहन सरकार के पहले बजट की तैयारियों में जुट गया है। बताया जा रहा है कि यह बजट सवा तीन करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा। सूत्र बताते हैं कि बजट में कर्मचारियों को 56 प्रतिशत की दर से मंहगाई भत्ता देने का प्रावधान होगा। साथ ही सभी कर्मचारियों को 3 प्रतिशत वेतन वृद्धि देने की भी सरकार की मंशा है। जुलाई माह में आने वाले इस बजट में संविदा कर्मचारियों का भी ख्याल रखा जाने वाला है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में मौजूद संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक को 8 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रावधान इस बजट के माध्यम से किया जा सकता है।
ताकि बनी रहे मोदी की गारंटी
लोकसभा चुनाव के दौरान बार बार दोहराई गई मोदी की गारंटी को वास्तविकता का जामा पहनाने में भी प्रदेश सरकार को अहम भूमिका निभाना है। इसी के चलते केंद्र से संचालित किसानों, महिलाओं, मजदूरों और आमजन की योजनाओं को प्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन किए जाने की तैयारी की जा रही है। इसी मंशा के साथ प्रदेश बजट में केंद्रीय योजनाओं के लिए एक निश्चित अंश इन योजनाओं के लिए रखने का प्रावधान किया जा रहा है। प्रदेश सरकार से जारी होने वाले विभिन्न विभागों के बजट के दौरान इन सभी विभागों को केंद्रीय योजनाओं पर खास ध्यान रखने के लिए ताकीद की जाएगी।
कर्मचारियों को मेहनत का मुआवजा
विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव तक अपनी बेहतर परफॉर्मेंस देने वाले सरकारी कर्मचारियों को अब सरकार विशेष इनाम देने की नीयत रखती है। इसी के चलते प्रदेश सरकार ने अपने पहले बजट में कर्मचारियों के लिए मंहगाई भत्ता, वेतन वृद्धि और परिश्रमिक बढ़ोतरी के प्रावधान किए जाने की तरफ कदम बढ़ाए हैं।