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मोहन यादव सरकार एक शर्त पर करेगी पूरा घर गिफ्ट, कर्मचारियों को करना है छोटा सा इंतजाम

भोपाल : मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार अपने सरकारी कर्मचारियों को उनके खुद घर दिलाने के लिए नई योजना लाने की तैयारी में है. दरअसल, राज्य सरकार अधिकारियों कर्मचारियों के लिए हायर परचेस मॉडल को फिर शुरू करने की योजना बना रही है. इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को आवंटित आवास को किश्तों में खरीदने की व्यवस्था होगी, जिसे किराया क्रय पद्धति भी कहते हैं.

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जल्द शुरू हो सकती है ये योजना

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक वित्त समेत अन्य विभाग इस प्रोजेक्ट को लेकर जल्द ही सरकार को एक रिपोर्ट पेश कर सकते हैं, जिसके बाद शुरुआती स्तर पर राजधानी भोपाल के साथ-साथ जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर में इस योजना की शुरुआत हो सकती है. इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को मकान किराए पर दिया जाएगा, जिसकी नियमित किश्तें चुकाकर उन्हें उसका मालिकाना हक भी मिल जाएगा.

अंतिम किश्त के बाद मिलेगा मालिकाना हक

दरअसल, सरकार जिस योजना को लाने की बात कर रही है वह हायर परचेस मॉडल पर आधारित है. इसके नाम के अनुरूप व्यक्ति को पहले मकान किराए पर रहने के लिए मिल जाएगा, जिसके बाद सरकारी एग्रीमेंट करके कर्मचारी किराए या किश्त के रूप में उस मकान की कीमत भरता रहेगा. मकान की अंतिम किश्त सरकार को चुकाए जाने के बाद उसका मालिकाना हक कर्मचारी के पास चला जाएगा.

जल्द बनेगी समिति, शासन को देगी रिपोर्ट

हायर परचेस मॉडल पर आधारित घरों के निर्माण व इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार एक समिति गठित कर सकती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य शासन के अंशदान के साथ कर्मचारियों की भागीदारी बढ़ाना और हायर परचेस मॉडल के तहत ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को उनके सपनों का घर देना है. फिलहाल वित्त विभाग भी इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है. बताया जा रहा है कि शासकीय कर्मचारियों हायर परचेस मॉडल के तहत स्वयं के आवास गृह उपलब्ध कराने, इस योजना के वित्तीय पहलू, अपार्टमेंट को लंबी अवधि की लीज पर लेना, इस योजना को शुरू करने की रूपरेखा समेत कई जरूरी फैसले सरकार द्वार गठित समिति लेगी.

 

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