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मोहन यादव ने बच्चों की फीस को लेकर उठाया बड़ा कदम, अब दौड़कर पहुंचेंगे एग्जाम सेंटर

भोपाल: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्र-छात्राओं को एक बार फिर बड़ी राहत देने जा रही है. बोर्ड परीक्षा के दौरान परीक्षा फीस के रूप में आने वाला भार ऐसे गरीब छात्र-छात्राओं के माता-पिता पर नहीं डाला जाएगा. प्रदेश सरकार अब ऐसे गरीब स्टूडेंट्स की परीक्षा फीस माफ करने जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही प्रवेश नीति में संशोधन करने की तैयारी कर रही है. सरकार के इस फैसले से एमपी बोर्ड से कक्षा 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाले ढाई लाख बच्चों को फायदा मिलेगा.

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इसलिए करना पड़ रहा नीति में संशोधन

मध्य प्रदेश में 2018 से संबल योजना के तहत प्रदेश के गरीब स्टूडेंट्स की फीस माफ की जाती रही है. मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल में कक्षा 10वीं और 12वीं में करीबन 18 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स शामिल होते हैं. इनमें ढाई लाख से ज्यादा बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के होते हैं. ऐसे बच्चों की परीक्षा फीस 2018 से संबंल योजना के तहत माफ की जाती रही है. इस साल भी करीबन ढाई लाख आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जाना था, लेकिन माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा पिछले दिनों जारी की गई प्रवेश नीति में इसे खत्म कर दिया था, लेकिन अब शासन के निर्देश पर अब प्रवेश नीति में फिर बदलाव किया जा रहा है.

इसलिए मंडल ने खत्म किया था नियम

दरअसल, संबल योजना के तहत विद्यार्थियों की परीक्षा फीस माध्यमिक शिक्षा मंडल माफ करता है, लेकिन बाद में इस राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा मंडल को किया जाता है. बताया जाता है कि पिछले करीबन 6 सालों से राज्य सरकार द्वारा इस राशि का भुगतान नहीं किया गया था. माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही इसमें संशोधन कर लिया जाएगा. गौरतलब है कि एमपी बोर्ड के कक्षा 10वीं और 12वीं के परीक्षा फार्म में सामान्य फीस 1200 रुपए के साथ फार्म 30 सितंबर तक जमा कराए जाएंगे. इसके बाद लेट फीस देना होगी.

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