सीजीएमएससी घोटाले में ACB/EOW ने मोक्षित कॉरपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर आज एसीबी की विशेष कोर्ट में पेश किया.करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में उनकी पूछताछ जारी है.
हाल ही में ACB/EOW ने छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन में हुए वित्तीय गड़बड़ी के मामले में रायपुर, दुर्ग और अन्य जिलों में मोक्षित कॉरपोरेशन के ठिकानों पर छापे मारे थे. इस दौरान शशांक चोपड़ा, सिद्धार्थ चोपड़ा और उनके भाइयों के घरों पर भी छापे गए थे, जहां कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए थे.
660 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप
बताया गया है कि कांग्रेस सरकार के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा CGMSC के माध्यम से छत्तीसगढ़ के सरकारी खजाने को किस तरह से नुकसान पहुँचाया गया, इसका खुलासा हाल ही में आई ‘ऑडिट ऑब्जर्वेशन रिपोर्ट’ में हुआ है.
इस रिपोर्ट में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी की बात सामने आई है.भारतीय लेखा और लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने इस मामले में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा था.
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, CGMSC ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी, जो बाद में ऑडिट टीम के द्वारा पकड़ी गई. इसके अलावा, पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा केमिकल और उपकरण खरीदे गए, जिनका उपयोग गलत स्थानों पर किया गया.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी अपराध दर्ज
776 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इन उपकरणों की आपूर्ति की गई, जिनमें से 350 से अधिक केंद्रों में इनका कोई उपयोग नहीं था. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया गया है और जांच के दायरे में कई उच्च अधिकारी भी आ सकते हैं.
इस घोटाले में अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को अरबों रुपये का नुकसान हुआ है, और जल्द ही कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं.