Moody On Indian Economy: ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s Ratings) को भारतीय अर्थव्यवस्था का पूरा भरोसा है. उसने बुधवार को अपने अनुमान में कहा कि अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक व्यापारिक चुनौतियों के बावजूद भारत इसके निगेटिव असर को बेहतर तरीके से निपटने के लिए अच्छी स्थिति में है. इसकी वजह है घरेलू वृद्धि चालक और निर्यात पर कम निर्भरता अर्थव्यवस्था को सहारा दे रही है.
मूडीज रेटिंग्स की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि निजी खपत को बढ़ावा देने, मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का विस्तार करने और बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने के सरकारी कदमों से ग्लोबल मांग के कमजोर होते परिदृश्य की भरपाई करने में मदद मिलेगी. मुद्रास्फीति में कमी से ब्याज दरों में कटौती की संभावना बनती है, जिससे इकोनॉमी को और अधिक समर्थन मिलेगा. बैंकिंग क्षेत्र में नगदी से लोन देने में सुविधा होगी.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
भारतीय अर्थव्यवस्था पर मूडीज को भरोसा
मूडीज ने कहा, ‘‘भारत कई अन्य उभरते बाजारों की तुलना में अमेरिकी टैरिफ और ग्लोबल ट्रेड चुनौतियों से निपटने में बेहतर स्थिति में है, जिसे मजबूत आंतरिक वृद्धि कारकों, बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था और माल व्यापार पर कम निर्भरता से बल मिलता है.’’
रेटिंग एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में 2025 कैलेंडर वर्ष के लिए भारत के अपने आर्थिक वृद्धि अनुमानों को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया था. अमेरिका टैरिफ में बढ़ोतरी के ऐलान से उत्पन्न स्थितियों के बाद एजेंसी ने अनुमानों में बदलाव किया था.
भारत-पाक तनाव का असर
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी का आगे ये भी कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच पहलगाम हमले के बाद जिस तरह की टेंशन देखने को मिली है, इसका पाकिस्तान की इकोनॉमिक ग्रोथ पर बड़ा असर होगा, जबकि भारत में प्रभाव काफी सीमित रहनेवाला है. एजेंसी ने कहा कि अगर दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव बना भी रहता है तब भी उसका भारत की आर्थिक गतिविधियों पर उतना ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि दिनों देशों के बीच व्यापार काफी सीमित है.
गौरतलब है कि 2 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ का एलान किया था. हालांकि, उसके बाद चीन को छोड़कर दुनिया के अन्य देशों पर टैरिफ की दरों पर 90 दिनों के लिए ब्रेक लगाते हुए उस पर 10 प्रतिशत का टैरिफ बरकरार रखा. हालांकि, कुछ क्षेत्रों को इसमें छूट दी गई जबकि भारतीय स्टील और एल्युमिनियम पर हाई टैरिफ दरें लगाई गई हैं.