चारधाम यात्रा में अब तक 22 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे, 83 की मौत, केदारनाथ में सबसे ज्यादा भीड़

उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा 2025 में श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है. 5 जून तक चारधाम के तीर्थ स्थलों केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब पर कुल 22,20,042 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. वहीं, अब तक यात्रा के दौरान 83 श्रद्धालुओं की मौत की भी पुष्टि हुई है, जिनमें से अधिकतर की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट और ऊंचाई जनित बीमारियां (हाई एल्टीट्यूड सिकनेस) बताई जा रही हैं.

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जानकारी के अनुसार, 5 जून को एक दिन में कुल 78,786 श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए. इनमें सबसे अधिक 24,871 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे, जबकि बदरीनाथ में 23,729, गंगोत्री में 13,117, यमुनोत्री में 9,880 और हेमकुंड साहिब में 7,189 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.

अब तक यात्रा के दौरान कुल 83 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, जिनमें से सबसे ज्यादा 38 मौतें केदारनाथ मार्ग पर दर्ज की गई हैं. बदरीनाथ में 17, गंगोत्री में 15 और यमुनोत्री में 13 श्रद्धालुओं ने जान गंवाई है. डॉक्टरों के अनुसार, अधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी, लंबा चलना और शरीर में अचानक बदलाव के कारण हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं, जिससे श्रद्धालुओं की जान जोखिम में पड़ती है.

तीर्थयात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में है. राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने यात्रा मार्गों पर सुरक्षा, चिकित्सा सुविधाएं और ट्रैफिक मैनेजमेंट को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य जांच शिविरों की संख्या बढ़ाई जा रही है और सभी पड़ावों पर डॉक्टरों की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है.

वाहनों और भीड़ का प्रबंधन भी चुनौती

अब तक चारधाम यात्रा मार्गों पर 4.8 लाख से अधिक वाहनों की आवाजाही हो चुकी है. औसतन प्रतिदिन 70,000 से अधिक श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर रहे हैं, जिससे मार्गों पर भीड़ और ट्रैफिक की स्थिति बनी हुई है. प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे पहाड़ी यात्रा के दौरान अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें, नियमित जांच कराएं और मौसम और स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए यात्रा करें.

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