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पूजा खेडकर विवाद के बाद रडार पर 30 से अधिक अफसर, UPSC ने भेजी शिकायतें

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर विवाद के बाद और भी ऐसे मामले सामने आ सकते हैं. क्योंकि पूजा खेडकर केस के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को 30 से अधिक ऐसे अफसरों की शिकायत मिली है, जिन्हें अपने सर्टिफिकेट्स में छेड़छाड़ की है. आयोग जल्द ही ऐसे अफसरों की जांच करा सकता है. हालांकि आयोग की ओर से अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.

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दरअसल, यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है. इस परीक्षा के माध्यम से IAS, IPS, IFS, IRS आदि अधिकारियों का चयन होता है, जिसके बाद उन्हें मुख्य जिम्मेदारियां सौंपी जाती है. उनके हाथों में देश के विकास कार्य से लेकर सुरक्षा व्यवस्था की बागडोर होती है. ऐसे में धांधली या गलत तरीके से सरकारी विभागों के बड़े ओहदों पर चयन होना, वाकई में चिंताजनक है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा खेडकर विवाद के बाद UPSC को दस्तावेजों में छेड़छाड़ करके चयनित हुए 30 से अधिक अफसरों की शिकायत आई है. दावा किया गया है कि उन चयनित अफसरों ने अपने सर्टिफिकेट और अन्य डिटेल्स में गलत जानकारी दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, UPSC ने शिकायतों को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) को भेज दिया है. अगर आरोप सही पाए गए तो कड़ी कार्रवाई हो सकती है.

दूसरी ओर, सरकार उम्मीदवारों द्वारा दिव्यांगता मानदंड और कोटा के दुरुपयोग को रोकने के उपायों पर सक्रिय रूप से चर्चा कर रही है, इस मामले पर कई बैठकें आयोजित की जा रही हैं. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) और LBSNAA दोनों इन कमियों को दूर करने व गंभीर चिंताओं की बेहतर पहचान करने के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार कर रहे हैं. UPSC ने नाम बदलने से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने के लिए अपने सॉफ्टवेयर और प्रोटोकॉल को अपडेट किया है. नए सिस्टम से अब यह पता लग सकेगा कि किसी उम्मीदवार का नाम, जो उसकी जन्मतिथि से जुड़ा है, यूपीएससी अटेंप्ट के बीच बदल गया है या नहीं.

केंद्र सरकार ने बर्खास्ट ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से मुक्त कर दिया है. सरकार ने परीक्षा में OBC और . कोटे के दुरुपयोग करने के आरोप में पूजा खेडकर के खिलाफ यह कार्रवाई की. इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी. साथ ही उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित किया गया है.

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