चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया। समिट के बाद उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय मुलाकात की, जो करीब 40 मिनट चली। दोनों नेताओं ने ऊर्जा, व्यापार, सुरक्षा और अंतरिक्ष सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। पुतिन ने पीएम मोदी को अपना “प्रिय मित्र” कहते हुए भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर भी बातचीत हुई, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने जल्द शांति स्थापित करने की अपील की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर पश्चिमी देशों का दबाव बना हुआ है। इसके बावजूद दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
समिट के मंच से प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को पूरी मानवता के लिए खतरा बताया और दोहरे मापदंडों के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद और हाल ही में हुए हमलों का जिक्र करते हुए सभी देशों से मिलकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने का आह्वान किया।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ भी प्रधानमंत्री मोदी की चर्चा हुई, जिसमें क्षेत्रीय शांति, कनेक्टिविटी और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। समिट के अंत में जारी घोषणापत्र में भारत की पहलों की सराहना की गई और आतंकवाद से मिलकर मुकाबला करने का संकल्प लिया गया।
दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली लौट आए। यह यात्रा भारत की कूटनीति और क्षेत्रीय नेतृत्व की दिशा में अहम मानी जा रही है।