उत्तर प्रदेश में एक तिहाई से ज्यादा वक्फ संपत्तियां अवैध हैं. हाई कोर्ट के आदेश पर जांच कराई जा रही है. अभी तक 50 जिलों की रिपोर्ट शासन को मिली है. प्रदेश में वर्तमान में 1.10 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनका शासन स्तर से नोटिफिकेशन जारी हुआ है. रेवेन्यू रिकॉर्ड मैनुअल के अनुसार श्रेणी 1(क) की जमीन ही वक्फ या बेची जा सकती है. विभिन्न जिलों के प्रशासन की अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार करीब 30 हजार संपत्तियां मूल रूप से श्रेणी 5 और 6 में दर्ज हैं. कई जगह शमशान की भूमि भी वक्फ संपत्तियों में दर्ज हैं.
इन श्रेणियों में बंजर, चरागाह, वन भूमि, तालाब, ऊसर भूमि और ग्राम सभा की सार्वजनिक उपयोग वाली जमीनें आती हैं. ये जमीनें आरक्षित श्रेणी की होती हैं, जिनका प्रबंधन के लिहाज से मालिकाना हक सरकार, ग्राम सभा या अन्य निकायों में निहित होता है.
सबसे ज्यादा वक्फ की संपत्ति UP में
भारत में वक्फ बोर्डों के पास 9.4 लाख एकड़ भूमि है. इन संपत्तियों का अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है. यह वक्फ बोर्ड को भारत का तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक बनाता है. देश में सबसे ज्यादा वक्फ की संपत्ति उत्तर प्रदेश में है. इसके बाद पश्चिम बंगाल में है, जहां पर 80 हजार से ज्यादा संपत्ति वक्फ के पास है. तीसरे नंबर पर पंजाब है, जहां करीब 76 हजार संपत्तियां वक्फ के अधीन है. इसके बाद तमिलनाडु और कर्नाटक है. तमिलनाडु में 66 हजार संपत्तियां वक्फ के पास जबकि कर्नाटक में 62 हजार से ज्यादा संपत्तियां वक्फ बोर्ड के अधीन हैं.
क्या होती है वक्फ प्रोपर्टी?
वक्फ की गई जमीन या संपत्ति को चैरिटी के लिए रोक दिया जाता है यानी इस संपत्ति की कोई खरीद या बेच नहीं सकता. जब कोई शख्स अपनी कोई संपत्ति अल्लाह के नाम पर दान देता है, तो उसे वक्फ की संपत्ति कहा जाता है. भारत में इस जमीन की देखरेख वक्फ बोर्ड करता है. वक्फ बोर्ड अलग-अलग राज्यों के अलग होते हैं. इनके गाइडेंस के लिए सेंट्रल वक्फ बोर्ड है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कुल 8 लाख 70 हजार वक्फ प्रॉपर्टी हैं, जो 9.40 लाख एकड़ जमीन में फैली है.