“मोर गांव मोर पानी” महाभियान: गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में जल संरक्षण के लिए क्लस्टरवार प्रशिक्षण

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: छत्तीसगढ़ में बढ़ते जल संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए “मोर गाँव मोर पानी” महाभियान के तहत गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में क्लस्टरवार प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है. यह चरणबद्ध प्रशिक्षण 6 जून 2025 तक चलेगा. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का लक्ष्य ग्रामीण स्तर पर जल संरक्षण को जनांदोलन का रूप देना है.

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क्लस्टरवार प्रशिक्षण का आयोजन

प्रशिक्षण के पहले चरण में जिले के चयनित क्लस्टरों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. 3 जून 2025 को कोडगार क्लस्टर,4 जून 2025 को नवागांव क्लस्टर और 5 जून को कोटमी क्लस्टर में प्रशिक्षण सत्र हुए. इन सत्रों में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुरेन्द्र प्रसाद वैद्य और जनपद पंचायत पेंड्रा की मुख्य कार्यपालन अधिकारी नम्रता शर्मा ने मार्गदर्शन प्रदान किया.

कोटमी और नवागांव में उत्साहजनक सहभागिता

कोटमी और नवागांव क्लस्टर के प्रशिक्षण में पेंड्रा जनपद की पंचायतों के सरपंच, सचिव, मेट, रोजगार सहायक, बिहान की सक्रिय महिलाएँ और अन्य ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. प्रतिभागियों ने स्थानीय जल समस्याओं को साझा किया और उनके समाधान के लिए सुझाव दिए.

विशेषज्ञों से व्यावहारिक ज्ञान

प्रशिक्षण में विशेषज्ञों ने जलग्रहण क्षेत्र विकास, भू-जल रिचार्ज, और पारंपरिक जल स्रोतों के पुनर्जनन जैसे विषयों पर व्याख्यान दिए. प्रशिक्षण के बाद ग्राम पंचायतों में स्थायी जल संरक्षण कार्यों की योजनाएँ तैयार की जाएंगी. प्रतिभागियों को जल स्रोतों की पहचान, संरक्षण तकनीकों, वर्षा जल संचयन, और सामुदायिक भागीदारी जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया गया.

जनजागरण की दिशा में एक कदम

“मोर गाँव मोर पानी” महाभियान केवल एक योजना नहीं, बल्कि हर गांव को जल समृद्ध बनाने का एक जनजागरण अभियान है. यह अभियान ग्रामीणों को जल संरक्षण की दिशा में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित कर रहा है, ताकि भविष्य में जल संकट से निपटा जा सके.

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