राजौरी/जम्मू: जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तान द्वारा दागे गए बिना फटे गोले और मोर्टार शेल्स को निष्क्रिय करने के लिए सेना और पुलिस की बम निरोधक टीमों ने बड़ा अभियान शुरू किया है. यह अभियान राजौरी, पुंछ, जम्मू और सांबा जिलों में चलाया जा रहा है, जो हाल ही में पाकिस्तान की भारी गोलाबारी और ड्रोन हमलों की चपेट में आए थे.
मुख्य सचिव अतल डुल्लू ने बताया कि हालात की निगरानी की जा रही है और सुरक्षा एजेंसियों से हरी झंडी मिलने के बाद विस्थापित ग्रामीणों की वापसी करवाई जाएगी. साथ ही जिनके घरों को नुकसान हुआ है, उन्हें जल्द मुआवजा दिया जाएगा.
संदिग्ध वस्तु की सूचना पुलिस को दें
राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती गांवों में सेना और पुलिस की टीमें गांव-गांव जाकर पाकिस्तानी गोले ढूंढकर उन्हें नियंत्रित विस्फोट के जरिए नष्ट कर रही हैं. यह अभियान सोमवार दोपहर शुरू हुआ और लगातार जारी है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी संदिग्ध वस्तु को न छुएं और तुरंत नजदीकी पुलिस या सुरक्षा एजेंसी को सूचित करें.
मुख्य सचिव ने राजौरी मेडिकल कॉलेज में घायलों से मुलाकात कर इलाज की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि सरकार सभी प्रभावितों को जल्द मुआवजा और सुरक्षित पुनर्वास सुनिश्चित करेगी.
अंडरग्राउंड बंकर बनाए जाएंगे
उन्होंने बताया कि राजौरी और पुंछ जैसे शहरों पर पहली बार इतनी भारी गोलाबारी हुई है, ऐसे में भविष्य में लोगों की सुरक्षा के लिए और अधिक अंडरग्राउंड बंकर बनाए जाएंगे.
सीमावर्ती इलाकों के लोग अब भी डर में हैं और रातें बंकरों में बिता रहे हैं. स्थानीय निवासियों ने सरकार से शांति बनाए रखने और विशेष सहायता पैकेज की मांग की है.