उत्तर प्रदेश के औरैया जिले की अजीतमल तहसील के रामपुर गांव में दस्तावेजों की गड़बड़ी ने प्रशासन को हैरानी में डाल दिया है. यहां जन्म-तिथि में ऐसे झोल सामने आए हैं, जो किसी मज़ाक या फिल्मी कहानी जैसे लगते हैं, लेकिन असल में ये सरकारी रिकॉर्ड का हिस्सा हैं. मामला एक महिला और उसके बच्चों से जुड़ा है.
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, एक महिला ने 5 वर्ष की उम्र में पहले बच्चे को जन्म दिया, 6 वर्ष की उम्र में दूसरा और महज 8 साल की उम्र में तीसरे बच्चे की मां बन गई. ये आंकड़े पंचायत सचिव की ओर से हस्ताक्षरित परिवार रजिस्टर की नकल में दर्ज हैं.
महिला ने लगाए आरोप
महिला का नाम कमलेश है. उसका आरोप है कि उसके मृत पति के नाम पर किसी दूसरी महिला को पत्नी दिखा दिया गया है और उसके नाम से तीन बच्चों को जोड़ा गया है. कमलेश का कहना है कि उसके ससुराल वालों ने संपत्ति हथियाने की नीयत से रिकॉर्ड में हेरफेर करवाई है. इस संबंध में उसने समाधान दिवस में 12 लोगों के खिलाफ शिकायत पत्र भी सौंपा है. उसने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
पंचायत सचिव की भूमिका पर भी सवाल
हैरानी की बात यह है कि फर्जी महिला की जन्मतिथि 1984 दर्शाई गई है, जबकि उसके बच्चों की जन्म तिथियां 1989, 1990 और 1992 दर्ज हैं. ये तिथियां सरकारी दस्तावेज़ों की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं. ऐसे आंकड़े किसी कॉमिक किताब की पटकथा में भले चलें, लेकिन सरकारी रजिस्टर में? सवाल उठना लाज़मी है. अब यह मामला पंचायत सचिव की भूमिका और रिकॉर्ड-रखरखाव प्रणाली की पारदर्शिता पर भी प्रश्न खड़ा करता है.
खंड विकास अधिकारी (BDO) ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा है कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर विस्तृत जांच शुरू की गई है. अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो जो भी दोषी होगा, सख्त कार्रवाई की जाएगी.