उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के गरौठा तहसील के तहत आने वाले ढिवकई गांव से मानवीय रिश्तों को कलंकित करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक मां ने अपनी ममता को तार-तार करते हुए पहले अपने ही तीन मासूम बच्चों को बेसहारा छोड़ा और फिर प्रेमी संग फरार होने का चौंकाने वाला कदम उठा लिया. देखते ही देखते यह घटना पूरे गांव में फैल गई. लोग इस अमानवीय हरकत को लेकर दबी जुबान में चर्चा करते नजर आ रहे हैं.
घटना की जानकारी देते हुए गांव के लोगों ने बताया कि महिला के पति का नाम रामनरेश यादव है, जो मेहनत-मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था. घर की जिम्मेदारी उसके कंधों पर थी और वह सुबह से शाम तक मेहनत करता था. इसी बीच उसकी पत्नी का नजदीकी गांव के एक युवक से प्रेम-प्रसंग शुरू हो गया. धीरे-धीरे यह संबंध इतने गहरे हो गए कि महिला ने अपने घर-परिवार, बच्चों और समाज की परवाह किए बिना सब कुछ दांव पर लगाने का फैसला कर लिया.
बच्चें छोड़ प्रेमी संग फरार हुआ मां
मामले की जानकारी तब हुई जब महिला घर से अचानक गायब हो गई. जाते-जाते वह न केवल नकदी और गहने समेट ले गई बल्कि अपने छोटे-छोटे बच्चों को भी घर में अकेला छोड़ दिया. पड़ोसियों का कहना है कि महिला को बच्चों की भूख-प्यास और सुरक्षा की भी जरा-सी फिक्र नहीं रही. महिला के जाने के बाद मासूम बच्चे बेसहारा रह गए. पिता रोजी-रोटी के लिए घर से बाहर था. ऐसे में बच्चों के रोने-धोने की आवाज सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे और उन्होंने बच्चों को संभाला.
पति ने थाने में की शिकायत
फिलहाल ग्रामीण और परिजन मिलकर उनकी देखभाल कर रहे हैं, लेकिन मासूमों की आंखों में मां की जुदाई का दर्द साफ झलक रहा है. इस घटना के बाद आहत पति रामनरेश ने स्थानीय थाने पहुंचकर पत्नी और उसके प्रेमी के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है. पीड़ित पति का कहना है कि पत्नी ने न केवल उसके विश्वास को तोड़ा बल्कि घर के बच्चों को बेसहारा छोड़कर अपराध किया है.
गांव में आक्रोश और हैरानी
गांव के बुजुर्गों और महिलाओं का कहना है कि यह घटना समाज के लिए शर्मनाक और निंदनीय है. एक मां जो अपने बच्चों की ढाल बनकर खड़ी रहती है, वही जब उन्हें छोड़कर पराए मर्द के साथ भाग जाए तो इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है. गांवभर में इस घटना को लेकर आक्रोश और हैरानी का माहौल है.