MP: दो भाइयों की हत्या करने वाले 12 आरोपियों को उम्रकैद की सजा

सागर : मप्र के सागर जिले के गौरझामर गांव में दो सगे भाइयों की निर्मम हत्या के मामले में 12 आरोपियों को एक साथ दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, देवरी के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महेश कुमार झा ने अपने फैसले में अभियुक्तों को कारावास के अलावा प्रत्येक को 34 हजार रुपए का अर्थदंड की भी सजा सुनाई है! न्यायाधीश महेश कुमार झा की अदालत ने 12 आरोपियों को दोहरा आजीवन सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। हत्या का यह मामला 25 अक्टूबर 2022 का है.

 

घटना के दिन मृतक रामबाबू ठाकुर (26) और राजाबाबू ठाकुर (24) पर पुरानी रंजिश के चलते आरोपियों ने हमला किया दोनों भाई भागकर सुरेंद्र सिंह के मकान की दूसरी मंजिल पर पहुंचे और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया, लेकिन आरोपी वहां पहुंचे और दरवाजा तोड़ दिया लाठी-डंडों से हमला कर दोनों को बुरी तरह घायल कर दिया.भागते समय मां को कार से मारी टक्कर हमले के बाद आरोपी कार से फरार हो रहे थे, तभी मृतकों की मां ने उन्हें रोकने की कोशिश की.आरोपियों ने उन्हें कार से टक्कर मार दी और भाग निकले.पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां दोनों भाइयों को मृत घोषित कर दिया गया.

गौरझामर थाना प्रभारी बृजमोहन कुशवाहा ने जांच कर कोर्ट में चालान पेश किया। शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक पीएल रावत ने पैरवी की. सुनवाई के दौरान 26 गवाहों की गवाही कराई गई।.साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को दोषी पाया.जिस पर अभिनय उर्फ अभिनव पिता माखन दांगी, दीपक पिता जय सिंह डांगी ,गुड्डा उर्फ सुजान पिता भरत सिंह दांगी,माखन सिंह पिता रघुवीर सिंह दांगी,रामराज सिंह पिता रघुवीर सिंह दांगी,मदन सिंह पिता सीताराम दांगी,गंगाराम पिता परमलाल चढ़ार,अशोक पिता रूपचंद अहिरवार, राममिलन पिता हरिराम सौर,उमेश पिता गिलू चढ़ार,बबलू पिता गिलू चढ़ार, राकेश पिता धनीराम धनीराम चढ़ार, के विरुद्ध धारा 302,147,148,149,452,294,के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया ,जहां प्रत्यक्षदर्शी रूप सिंह, सुरेंद्र सिंह, हरिबाई, रेखा रानी और अन्य गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महेश कुमार झा द्वारा सभी 12 आरोपियों को दोहरे आजीवन कारावास एवं 34 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा से दंडित किया है और अर्थदंड न भरने स्थिति में अतिरिक्त दंड से दंडित करने की सजा सुनाई है.

Advertisements
Advertisement