MP News: मध्य प्रदेश में मुआवजे का खेल जारी है. बीते दिनों हाईवे यूपी-एमपी बॉर्डर पर निकलने वाले हाईवे के लिए 2000 से ज्यादा मकान तन गए थे, तो वहीं रेलवे लाइन पर भी मुआवजे का खेल जारी है. प्रदेश ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन डलनी है. रेलवे लाइन का काम शुरू भी नहीं हुआ कि मुआवजे के लालच में 1500 से ज्यादा मकान बनकर खड़े हो गए.
बता दें, तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभू ने साल 2016 के बजट में ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन के लिए 6672 करोड़ रुपये का बजट पास किया था. वह प्रोजेक्ट आज तक भी अधर में लटका है. लोग यहां ट्रेन को भूलकर मुआवजे के लिए सरकारी खजाने को लूटने में लगे हैं. यहां के आदिवासियों की जमीन पर बाहरी लोग यहां आकर मुआवजे की लालच में घर बनवा रहे रहे हैं.
अफसर-भूमाफिया का गठजोड़
मुआवजे के लालच में स्थानीय जनप्रतिनिधि, भूमाफिया और अफसरों के बीच गठजोड़ हो गया है. बड़े पैमाने पर यहां के किसानों की जमीनें खरीदी गईं और उसके बाद दिखावे के लिए मकान के ढांचे खड़े कर दिए गए हैं. मालूम हो कि ललितपुर-सिंगरौली रेल प्रोजेक्ट के लिए रेलवे करीब 8 साल से सिंगरौली के 22 और सीधी के 91 गांवों में जमीन ले रही है.
10 गांवों में बने 1500 मकान
रेलवे लाइन की जद में आने वाले इन 10 गांवों की स्थिति ऐसी है कि जहां लोगों को दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से मिल पाती है, ऐसे में यहां पक्के मकान के ढांचे देखकर भ्रष्टाचार का अंदाजा लगाया जा सकता है. मकान भी ऐसे जहां इंसान तो क्या जानवर भी रहना पसंद नहीं करते है. मुआवजे के लिए मुआवजा माफियाओं ने इन 10 गावों में करीब 1500 से ज्यादा मकान बना लिए.
हाईवे के बाद अब रेलवे लाइन पर मुआवजे का खेल
– ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन पर तन गए 1500 से अधिक मकान
– एमपी सहित यूपी के भूमाफियाओं ने भी बनाए मकान @ABPNews @abplive @indrajeetLive @AshishSinghLIVE pic.twitter.com/zAeySJ9odV— Nitinthakur (Abp NEWS) (@Nitinreporter5) July 30, 2024
जिले के देवसर व चितरंगी ब्लॉक के 22 गावों से होकर रेलवे लाइन की पटरी बिछेगी, जिसमें से 22 गावों में करीब 2166 मकानों का अवार्ड भी भुअर्जन अधिकारी ने पारित कर दिया, लेकिन उसमें में 10 गावों के कुछ खसरे को छोड़ दिया गया था. अब उन बचे हुए 10 गावों में सर्वे का काम पूरा हो गया है. मुआवजा माफियाओं ने इन 10 गावों में करीब 1500 से ज्यादा मुआवजे वाले मकान बना लिया.
केवल ये लोग होंगे मुआवजे का पात्र
डिप्टी कलेक्टर माइकल तिर्की ने कहा कि जो पहले से रह रहा हो, जिसके पास बिजली का कनेक्शन, केवल वही मुआवजे का पात्र होगा. जिसने केवल मुआवजा पाने के उद्देश्य से मकान बनाया है, उसे मुआवजा भुगतान नहीं किया जाएगा. वहीं, अब इस मामले में जांच टीम भी गठित की गई है.
एमपी सहित यूपी के भी भू-माफिया
निर्माण कराने वालों में बड़े व्यवसायी और नेता भी हैं, इनमें एमपी-उत्तर प्रदेश समेत अन्य कुछ राज्यों के लोग भी शामिल बताए जा रहे हैं. इन्होंने भूस्वामियों से बात करके उनकी जमीन पर यह कहते हुए निर्माण कराया है कि उनको मकान होने पर अधिक मुआवजा मिलेगा और इसमें बंटवारा कर लिया जाएगा. अधिक मुआवजे के लालच में कई ने तो टीन शेड ही डालकर निर्माण करा लिया है. मकानों के निर्माण का यह सिलसिला अभी भी जारी है.