MP: फर्जी ‘डॉक्टर जॉन कैम’ को लेकर बड़ा खुलासा, इलाज वाले दिन ही हो गई थी 5 मरीजों की मौत

ब्रिटेन के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट होने का झांसा देकर मरीजों का इलाज करने वाला फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ ‘डॉ जॉन कैम’ का बड़ा खुलासा सामने आया है. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यादव द्वारा इलाज किए गए आखिरी 5 मरीजों की मौत उसी दिन हो गई, जिस दिन उसने उन पर एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया की थी.

1 महीने में 5 मौतें, फर्जी डॉक्टर की पोल खुली

मामला मध्य प्रदेश के दमोह जिले के मिशन अस्पताल का है, जहां 2 जनवरी से 11 फरवरी 2025 के बीच नरेंद्र यादव ने कुल 12 एंजियोप्लास्टी की. इनमें से 5 मरीजों की मौत उसी दिन हो गई. जिनमें से दो की मौत ऑपरेशन टेबल पर ही हुई, जबकि तीन की हालत बिगड़ने के बाद कुछ घंटों में जान चली गई.

इन पांचों मरीजों की उम्र 51 से 75 साल के बीच थी. लगातार होती मौतों के बाद भी न तो अस्पताल ने इसे गंभीरता से लिया और न ही स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने समय रहते कोई ठोस कदम उठाया.

मृतकों की पहचान और इलाज की तारीखों की बात करें तो 15 जनवरी को रहीसा बेगम (उम्र 63), 17 जनवरी को इसराइल खान (75), 25 जनवरी को बुद्धा अहिरवार (67), 2 फरवरी को मंगल सिंह राजपूत (65) और 11 फरवरी को सत्येन्द्र सिंह राठौर (51) का इलाज नरेंद्र यादव ने किया था. इन सभी की मौत उसी दिन हो गई, जिस दिन उन पर ऑपरेशन किया गया. लगातार एक महीने में हुई इन मौतों ने इस फर्जी डॉक्टर की करतूतों की सच्चाई सामने ला दी.

इस्तीफा देकर मशीन लेकर भागा

5वीं मौत के बाद नरेंद्र यादव ने अस्पताल से इस्तीफा दे दिया और जाते समय एक पोर्टेबल इको मशीन भी साथ ले गया. उसके बाद वह अस्पताल से पूरी तरह गायब हो गया. अस्पताल प्रशासन ने भी उसकी नियुक्ति और पृष्ठभूमि से जुड़ी कोई जानकारी शासन को नहीं दी थी.

सरकार ने मानी बड़ी लापरवाही

राज्य के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने विधानसभा में बताया कि मिशन अस्पताल ने मप्र नर्सिंग होम एवं क्लिनिकल प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत नरेंद्र यादव की नियुक्ति की सूचना स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी. इस वजह से न तो उसकी योग्यता की जांच हो सकी और न ही पहचान की पुष्टि.

उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दमोह जिले के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है क्योंकि उन्होंने न निगरानी की और न ही कोई जांच की.

अप्रैल में गिरफ्तारी, अब जेल में

फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव को अप्रैल 2025 में गिरफ्तार किया गया. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. उस पर धोखाधड़ी, गलत पहचान बताकर इलाज करने, और गैर इरादतन हत्या जैसे गंभीर अपराधों में एफआईआर दर्ज की गई है.

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