बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पटना पहुंचे, जहां यादव महासभा के कार्यक्रम में उन्होंने बिहार और एमपी के सांस्कृतिक रिश्तों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक के काल में उज्जयिनी और पाटलिपुत्र दोनों महाजनपदों के केंद्र थे। उज्जयिनी में युवराज और पाटलिपुत्र में सम्राट बैठते थे। इसी तरह राजा भोज भी परिवार सहित बिहार की धरती पर आए थे। इसलिए भोजपुरी भाषा थोड़ी बिहार की है और थोड़ी मध्यप्रदेश की भी।
सीएम यादव ने कहा कि भगवान कृष्ण के जीवन से हमें धर्मानुसार जीने की प्रेरणा मिलती है। कृष्ण ने कम उम्र में भी बड़े से बड़े अत्याचारियों का सामना किया। उन्होंने कहा कि गीता भवन हर नगर निगम और नगर पालिका में बनाए जा रहे हैं। उज्जैन में सांदीपनि गुरु के आश्रम से प्रेरित होकर राज्य में 300 से ज्यादा सांदीपनि विद्यालय भी शुरू किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के पुत्र ने पटना में सूर्य मंदिर बनाकर इस धरती को गौरवान्वित किया। साथ ही याद दिलाया कि बिहार ने हर काल में देश का ध्यान आकर्षित किया है, चाहे वह बुद्ध का समय हो, जैन तीर्थंकरों की परंपरा हो, चाणक्य या नालंदा-तक्षशिला का काल।
मोहन यादव ने कहा कि हमारी पहचान दुनिया में राम और कृष्ण से है। जब हम कहते हैं कि हम राम और कृष्ण की धरती से आए हैं, तो लोग तुरंत पहचान जाते हैं कि हम भारत से हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक धरोहरों का सम्मान और विकास लगातार होता रहेगा।