मध्य प्रदेश के श्योपुर में प्रॉपर्टी और पैसों के लालच में बेटे ने मां की हत्या कर दी. बीते वर्ष रेलवे कॉलोनी में हुई इस दिल दहला देने वाली वारदात में अब कोर्ट ने आरोपी बेटे को फांसी की सजा सुनाई है. 20 साल पहले अनाथ आश्रम से गोद लिए गए दीपक पचैरी ने अपनी ही मां उषा देवी की जान ले ली. मां के नाम 32 लाख रुपये की एफडी और प्रॉपर्टी के लालच में उसने यह खौफनाक साजिश रची.
6 मई 2024 को दीपक ने कोतवाली थाने में मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसने बताया कि मां अस्पताल गई थीं लेकिन वापस नहीं लौटीं. पुलिस को मामला संदिग्ध लगा तो जांच शुरू की गई. पुलिस ने जब दोबारा पूछताछ की तो दीपक बार-बार अपने बयान बदलता रहा. शक गहराया और सख्ती से पूछताछ की गई. तब उसने कबूल किया कि उसने मां की हत्या कर शव को घर के बाथरूम के फर्श में दफना दिया था.
पुलिस ने दीपक की निशानदेही पर बाथरूम से शव बरामद किया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस ने चालान पेश किया. बुधवार को विशेष न्यायालय ने आरोपी को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई. साथ ही 7 साल सश्रम कारावास और 2000 रुपये जुर्माना भी लगाया गया.
प्रॉपर्टी और एफडी के लालच में की थी हत्या
विशेष लोक अभियोजक राजेंद्र जाधव ने बताया कि दीपक ने अपने पिता की मृत्यु के बाद 18 लाख रुपये शेयर बाजार में लगा दिए थे, जिसमें उसे भारी नुकसान हुआ. इसके बाद उसकी नजर मां की एफडी और प्रॉपर्टी पर पड़ी. करीब ढाई दशक बाद यह पहला मामला है जब जिला न्यायालय ने किसी को फांसी की सजा सुनाई है. इससे पहले तहसील न्यायालय में तीन लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई थी.