मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने NEET-UG 2025 परीक्षा परिणाम पर अंतरिम रोक लगा दी है. बेंच ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को अगली सुनवाई तक रिजल्ट जारी नहीं करने का निर्देश दिया है. यह आदेश एक याचिका के जवाब में आया, जिसमें आरोप लगाया गया कि परीक्षा के दौरान इंदौर के 12 से अधिक परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल होने से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
बीच पेपर में चली गई थी एग्जाम सेंटर्स की लाइट
छात्रों की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में दावा किया गया कि 5 मई 2025 को आयोजित NEET-UG परीक्षा के दौरान बिजली चली गई थी जिसकी वजह से कई परीक्षार्थी नीट यूजी का पेपर सॉल्व नहीं कर पाए. बिजली न होने से परीक्षा केंद्रों पर अंधेरा छा गया, जिससे छात्रों को पेपर पढ़ने और उत्तर देने में कठिनाई हुई.
मोमबत्तियों की रोशनी में कराय गया नीट एग्जाम
कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 केंद्र पर दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे की परीक्षा के दौरान दोपहर 3.30 बजे बिजली चली गई. बैकअप पावर सिस्टम न होने के कारण उम्मीदवारों को कम रोशनी में अपनी परीक्षा जारी रखनी पड़ी. साथ ही इमरजेंसी लाइट के तौर पर 4.30 बजे मोमबत्तियों की व्यवस्था की गई, तब पेपर खत्म होने में सिर्फ 30 मिनट बचे थे. याचिका में प्रभावित उम्मीदवारों के लिए या तो री-एग्जाम या निष्पक्ष मूल्यांकन सुनिश्चित की मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि प्रभावित केंद्रों पर दोबारा परीक्षा आयोजित की जाए.
कोर्ट ने नीट रिजल्ट पर रोक लगाकर एनटीए को भेजा नोटिस
कोर्ट ने कहा, “…रिस्पोंडेंट याचिकाकर्ता के लिए जरूरी इंतजाम करने में विफल रहे हैं, जो 04.05.2025 को आयोजित NEET-UG परीक्षा में उपस्थित हो रहे थे, और शहर के विभिन्न हिस्सों में बिजली जाने की वजह से परीक्षा नहीं पाए, यह निर्देश दिया जाता है कि सुनवाई की अगली तारीख तक, परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा.” कोर्ट ने इस मामले में NTA, केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश विद्युत मंडल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद हो सकती है. छात्रों और अभिभावकों ने इस फैसले का स्वागत किया है.
सैकड़ों मेडिकल स्टूडेंट्स का भविष्य दांव पर
याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि बिजली कटौती के कारण सैकड़ों छात्रों का भविष्य दांव पर था, और कोर्ट का यह कदम उनके हित में है. वहीं, NTA ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. कुछ छात्र संगठनों ने मांग की है कि प्रभावित केंद्रों की सूची सार्वजनिक की जाए और पारदर्शिता बरती जाए.
NEET परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल
यह विवाद NEET परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है, क्योंकि पिछले वर्षों में भी पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के मामले सामने आ चुके हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं मेडिकल प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया पर छात्रों का भरोसा कम कर सकती हैं. कोर्ट के अंतिम फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं.