मध्यप्रदेश में पुलिस कांस्टेबल की ट्रेनिंग को लेकर एक नया सुझाव चर्चा में है। 1994 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजा बाबू सिंह ने यह प्रस्ताव दिया है कि पुलिस प्रशिक्षण के दौरान रामचरितमानस का पाठ कराया जाए।
अनुशासन और नैतिक मूल्यों के लिए रामचरितमानस उपयोगी
आईपीएस राजा बाबू सिंह का कहना है कि रामचरितमानस केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और नैतिक मूल्यों का भंडार है। पुलिसकर्मी अगर इससे प्रेरणा लें, तो वे बेहतर सेवा दे सकते हैं।
पहले भी उठा चुके हैं ऐसे मुद्दे
यह पहला मौका नहीं है जब राजा बाबू सिंह ने इस तरह का सांस्कृतिक सुझाव दिया है। वे पहले भी भारतीय परंपराओं को पुलिस प्रशिक्षण और कार्यशैली में शामिल करने की बात कर चुके हैं।
सोशल मीडिया पर मिला समर्थन और विरोध
उनके इस प्रस्ताव को लेकर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोग इसे संस्कृति से जोड़कर अच्छा कदम मान रहे हैं, तो कुछ इसे धर्म से जुड़ा मामला बताकर विरोध भी कर रहे हैं।
प्रशासनिक हलकों में शुरू हुई चर्चा
इस सुझाव के बाद पुलिस ट्रेनिंग सिलेबस में बदलाव को लेकर प्रशासनिक हलकों में भी चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि अभी इस पर कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है।