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MP पुलिस ने शुरू की सिंहस्थ 2028 की तैयारियां, DGP ने बैठक कर अधिकारियों से मांगे सुझाव और दिए ये निर्देश

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 2028 में लगने वाले महाकुंभ (सिंहस्थ) की पुलिस ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. सिंहस्थ को लेकर डीजीपी ने बड़ी बैठक ली. इस बैठक में उन पुलिस अफसरों से सुझाव लिए गए जो बीते सिंहस्थ के दौरान उज्जैन में पदस्थ रहे.

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पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने बुधवार (13 नवंबर) को पुलिस मुख्यालय भोपाल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की. इस बैठक में उज्जैन आईजी और एसपी भी उपस्थित रहे. बैठक में विशेष रूप से सरबजीत सिंह सेवानिवृत्त विशेष पुलिस महानिदेशक ने अनुभव साझा किए. वो सिंहस्थ-2004 में आईजी उज्जैन और सिंहस्थ 2016 में विशेष पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस के पद पर रहे.

वहीं उपेन्द्र जैन विशेष पुलिस महानिदेशक जो कि सिंहस्थ 2004 में उज्जैन एसपी रहे. मनोहर वर्मा सेवानिवृत्त आईपीएस जो कि सिंहस्थ 2016 में एसपी उज्जैन ने अपने अनुभव साझा किए. डीजीपी सक्सेना ने कहा, उज्जैन में होने वाला सिंहस्थ महाकुंभ 2028 विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक सांस्कृतिक आयोजन होगा. करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आगमन इस दौरान होगा.

ऐसे में सुव्यवस्थित यातायात व्यवस्था और सुरक्षा के इंतजाम भी इसके अनुकूल हों. उन्होंने कहा, क्राउड कंट्रोल और क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम बहुत ही सुदृढ़ होना चाहिए. क्राइम कंट्रोल, एंटी नेशनल एलिमेंट कंट्रोल और टेरेरिस्ट गतिविधियों पर सजग निगाहें रखना जरूरी है. इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था में लगे सभी व्यक्तियों की लगातार संचार व्यवस्था और अन्य विभागों से भी अच्छा संचार और समन्वय होना जरूरी है. ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी कैमरों की पर्याप्त व्यवस्था और 24/7 मॉनीटरिंग के लिए डेडिकेटेड कर्मचारी होने बहुत जरुरी हैं.

डीजीपी ने इन बिंदुओं पर की चर्चा

सुरक्षा व्यवस्था

डीजीपी ने कहा, इस बार सिंहस्थ में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएं. मेले की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाए. इसके साथ ही मेला क्षेत्र में मोबाइल पुलिस चौकियां स्थापित की जाएं. पूरे मेला क्षेत्र में 24 घंटे पुलिस गश्त रहेगी और एंटीटेरर स्क्वॉड और बम निरोधक दस्ते को भी तैनात किया जाए. विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के लिए विशेष दल तैनात किए जाएं. पुलिस और अन्य विभागों के बीच निर्बाध संचार सुनिश्चित करने के लिए एडवांस वायरलेस सिस्टम और कमांड सेंटर का उपयोग किया जाए.

डीजीपी ने कहा, किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें हर समय तैयार रखें. बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता दी जाए. इनके लिए विशेष सहायता केंद्र और मेला क्षेत्र में नजदीकी पार्किंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. सिंहस्थ मेला क्षेत्र को विभिन्न ज़ोन और सेक्टर में विभाजित किया जाए. हर सेक्टर में एक प्रभारी अधिकारी तैनात होगा, जो सुरक्षा व्यवस्थाओं की निगरानी करेगा.

ट्रैफिक व्यवस्था

डीजीपी ने कहा, इस बार ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न रूट प्लान बनाए जाएं. उज्जैन के नजदीकी जिलों को भी ट्रैफिक प्लान में सम्मिलित कर विस्तृत प्लान बनाएं. मेला क्षेत्र में वाहनों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पार्किंग स्थलों की संख्या बढ़ाई जाएगी और सिटी बसों के साथ-साथ ई-रिक्शा की भी व्यवस्था की जाएगी.

श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिए मुख्य मार्गों पर सूचना केंद्र बनाए जाएंगे और रियल-टाइम ट्रैफिक अपडेट के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन भी उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है. उज्जैन के बाहरी क्षेत्रों में भी रेलवे स्टेशन तथा नजदीकी जिलों में भी व्यापक व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई.

विशेष प्रबंध

पुलिस प्रशासन इस बार सिंहस्थ मेले के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेगा, जो 24/7 सक्रिय रहेगा. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष हेल्पडेस्क और बाल सुरक्षा केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई जाए. इसके अलावा भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए स्वयंसेवकों और स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाए.

बैठक में उपस्थित सभी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों ने अपनी-अपनी शाखाओं की सिंहस्थ की तैयारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. डीजीपी ने कहा, उज्जैन पुलिस से समन्वय कर सभी शाखाएं अपनी विस्तृत कार्य योजना बनाकर 15 दिन में पेश करें. हर ब्रांच अपना दायित्व, मेनपॉवर, ट्रेनिंग, परमानेंट स्ट्रक्चर, टेम्प्रेरी स्ट्रक्चर, उपकरण, वाहन और वर्तमान में संसाधनों की उपलब्धता और आवश्यकतानुसार बजट की मांग अपनी कार्ययोजना में सम्मिलित करें.

पूर्व में उज्जैन सिंहस्थ महाकुंभ के दौरान कार्यरत रहे सेवानिवृत्त आईपीएस सरबजीत सिंह ने अपने अनुभव बताते हुए कहा, क्राउड मूवमेंट का विशेष ध्यान रखें. साथ ही टेली कम्यूनिकेशन में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग सुनिश्चित करना आवश्यक है. स्पेशल डीजी उपेन्द्र जैन ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, सभी विभागों से पुलिस का अच्छा समन्वय होना कार्य को आसान बना देता है.

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