वर्तमान में मध्य प्रदेश में कोई प्रमुख मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है, लेकिन अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों से नमी आ रही है। इसके चलते प्रदेश के कुछ हिस्सों में वर्षा दर्ज की जा रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक रतलाम में 27 मिमी, इंदौर में 23.8 मिमी, उज्जैन में 1 मिमी और खरगोन में 8.8 मिमी बारिश हुई।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार बुधवार और गुरुवार को जबलपुर, शहडोल और नर्मदापुरम संभाग में वर्षा होने की संभावना है। वहीं भोपाल और इंदौर संभाग के जिलों में भी गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं।
चार सिस्टम से मिल रही नमी
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र और उससे लगे उत्तरी ओडिशा के आसपास एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके साथ हवा के ऊपरी हिस्से में एक प्रभावी चक्रवात भी सक्रिय है। इस चक्रवात से लेकर दक्षिणी महाराष्ट्र तट तक द्रोणिका बनी हुई है, जो ओडिशा, दक्षिणी छत्तीसगढ़, तेलंगाना और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक से गुजर रही है।
मध्य महाराष्ट्र के ऊपर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात सक्रिय है, जबकि उत्तर-पूर्वी उत्तर प्रदेश पर भी ऊपरी स्तर का चक्रवात बना हुआ है। इसके अलावा, 25 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है, जो 27 सितंबर तक अवदाब के क्षेत्र में परिवर्तित होकर दक्षिणी ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश तट को पार कर सकता है।
विशेषज्ञ की राय
मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि ओडिशा के पास बने कम दबाव के क्षेत्र और उत्तर भारत पर बने चक्रवात के कारण प्रदेश में नमी पहुंच रही है। इसी वजह से बुधवार-गुरुवार को जबलपुर, शहडोल और नर्मदापुरम संभाग में वर्षा होने के आसार हैं। भोपाल और इंदौर संभाग के जिलों में भी गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।