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LNJP, GTB और BSA… दिल्ली के तीन अस्पतालों में खुलने जा रहा Mpox आइसोलेशन वार्ड

दुनिया में Mpox के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत में भी अलर्ट है. हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने इसे इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी करार दिया है. इसी बीच, अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने तीन अस्पतालों में एमपॉक्स के लिए आइसोलेशन रूम स्थापित करने का निर्देश दिया है. हालांकि, अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है.

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इन अस्पतालों में होगी आइसोलेशन व्यवस्था

स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि ‘दिल्ली सरकार के 3 अस्पतालों – एलएनजेपी, जीटीबी और बाबा साहेब अंबेडकर में आइसोलेशन रूम स्थापित करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि एलएनजेपी को नोडल सुविधा के रूप में नामित किया गया है, दो अन्य अस्पताल स्टैंडबाय पर हैं. लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में मरीजों के लिए कुल 20 आइसोलेशन कमरे होंगे. जीटीबी अस्पताल और बाबा साहेब अंबेडकर में 10 रूम होंगे.

अधिकारियों ने कहा- हम सतर्क

दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है और सरकार पूरी तरह से तैयार है. बता दें कि WHO ने एक बयान में कहा है कि 2022 के बाद से वैश्विक स्तर पर 116 देशों में एमपॉक्स के 99,176 मामले सामने आए और 208 मौतें दर्ज की गई हैं.

एमपॉक्स क्या है?

एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस की एक प्रजाति है. एमपॉक्स को पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था. इस वायरस की पहचान वैज्ञानिकों ने पहली बार 1958 में की थी जब बंदरों में ‘पॉक्स जैसी’ बीमारी का प्रकोप हुआ था.

एमपॉक्स कैसे फैलता है?

एमपॉक्स वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति या जानवर के साथ संपर्क में आने से फैलता है. एमपॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रामक त्वचा या मुंह या जननांगों जैसे अन्य घावों के सीधे संपर्क के माध्यम से फैल सकता है. मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में अधिकांश मामले उन लोगों में देखे गए हैं जो संक्रमित जानवरों के साथ संपर्क में रहते थे. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह संक्रमण कपड़ों या लिनेन जैसी दूषित वस्तुओं के उपयोग, टैटू की शॉप, पार्लर या अन्य पब्लिक जगहों पर यूज होने वाली कॉमन चीजों से भी फैल सकता है. संक्रमित पशुओं से मनुष्यों को काटने, खरोंचने, खाने या जानवरों के साथ अन्य एक्टिविटी से भी यह वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है.

क्या है इसके लक्षण

एमपॉक्स से संक्रमित लोगों को अक्सर शरीर पर दाने हो जाते हैं जो हाथ, पैर, छाती, चेहरे या मुंह या जननांगों के आसपास हो सकते हैं. ये दाने अंततः फुंसी (मवाद से भरे बड़े सफेद या पीले दाने) और ठीक होने से पहले पपड़ी बनाते हैं. इसके अन्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द भी शामिल है. वायरस से लड़ने की कोशिश करते समय लिम्फ नोड्स भी सूज सकते हैं और दुर्लभ मामलों में यह वायरस जानलेवा भी हो सकता है. इससे संक्रमित व्यक्ति शुरुआती लक्षण से दाने निकलने और फिर ठीक होने तक कई लोगों को संक्रमित भी कर सकता है.

लक्षण कितने दिन तक रहते हैं?

रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, एमपॉक्स के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों के अंदर दिखना शुरू होते हैं. एमपॉक्स के संपर्क में आने और लक्षण दिखने का समय 3 से 17 दिन है. इस दौरान, व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं दिखते. लेकिन इस समय के पूरा होने के बाद वायरस का असर दिखने लगता है.

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