MRF Stock: देश के सबसे महंगे शेयर ने मचाया गदर… ऑल टाइम हाई पर पहुंचा, कीमत ₹155000 के पार 

शेयर बाजार में सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन भले ही उतार-चढ़ाव देखने को मिला हो और सेंसेक्स-निफ्टी तेज शुरुआत के बाद अंत में गिरावट के साथ बंद हुए हों, लेकिन इस बीच देश का सबसे महंगा शेयर गदर मचाता हुआ नजर आया और ताबड़तोड़ तेजी के साथ क्लोज हुआ. जी हां, हम बात कर रहे हैं एमआरएफ के शेयर की, जिसने मंगलवार को 6 फीसदी से ज्यादा की छलांग लगाते हुए अपना नया ऑल टाइम हाई लेवल छू लिया और एक शेयर की कीमत बढ़कर 1,55,000 रुपये पर पहुंच गई.

यहां पहुंचा देश के सबसे महंगे शेयर का भाव

एमआरएफ के शेयर ने बाजार में कारोबार की शुरुआत के साथ 1,45,200 रुपये पर ओपनिंग की थी और इसके बाद ये उछलता चला गया. आखिरी कारोबारी घंटे में जहां बाजार ने शुरुआती बढ़त गवां दी, लेकिन इस स्टॉक ने अपनी रफ्तार को बनाए रखा और मार्केट क्लोज होने से पहले ही लाइफ टाइम हाई लगाकर 1.55 लाख रुपये के स्तर छू लिया. हालांकि, अंत में इसकी तेजी कुछ धीमी पड़ी, लेकिन फिर भी एमआरएफ का शेयर 6.28% की तेजी के साथ 1,53,943.90 रुपये पर बंद हुआ.

झटके में 8000 रुपये बढ़ा शेयर प्राइस

मंगलवार को एमआरएफ के शेयर में आई इस जोरदार तेजी का असर कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन पर भी देखने को मिला. मिडकैप कैटेगरी की इस कंपनी का एमकैप उछलकर 65,340 करोड़ रुपये हो गया. वहीं शेयर के भाव में आए उछाल से निवेशकों को होने वाले फायदे की बात करें, तो इसमें पैसे लगाने वालों को हर एक शेयर पर करीब 9000 रुपये का मुनाफा हुआ. बीते पांच दिनों में ये शेयर 8 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है और हर एक शेयर की कीमत 11,365 रुपये बढ़ चुकी है

छह महीने में कराई निवेशकों की बल्ले-बल्ले

साल 2025 की शुरुआत एमआरएफ शेयर के निवेशकों के लिए अच्छी नहीं रही थी और तेज गिरावट के साथ इसी साल बीते 4 मार्च को एक शेयर की कीमत गिरकर 1 लाख रुपये के आस-पास पहुंच गई थी, लेकिन इसके बाद इसने ऐसी रिकवरी की, कि निवेशकों की बल्ले-बल्ले करा दी. इन छह महीनों के दौरान ये शेयर 45.35 फीसदी उछल चुका है और शेयर की कीमत में 47,699.75 रुपये का उछाल आ चुका है. पिछले एक साल की परफॉर्मेंस को देखें, तो निवेशकों को 161.65 फीसदी का रिटर्न हासिल हुआ है.

गुब्बारे बनाते-बनाते टायर बिजनेस में टॉप बनी

आज एमआरएफ लिमिटेड टायर बिजनेस में टॉप कंपनी है, लेकिन इसकी शुरुआत टायर बनाने के बजाय गुब्बारे बनाने से हुई थी. के.एम. मामेन मपिल्लई इसके फाउंडर हैं, जिन्होंने साल 1946 में तिरुवोट्टियूर, मद्रास में एक छोटे से शेड में गुब्बारे बनाने का बिजनेस शुरू किया था. इसके साथ ही वे इंडस्ट्रियल ग्लव्स और लैटेक्स से बने सामानों का निर्माण भी करने लगे. डिमांड बढ़ी तो उन्होंने कारोबार विस्तार करते हुए टायर बनाने शुरू कर दिए और 1952 में मद्रास रबर फैक्ट्री यानी एमआरएफ की स्थापना की.

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