देश में पढ़े-लिखे युवाओं में बेरोजगारी की स्थिति ऐसी है कि राजस्थान में 10वीं पास के लिए चपरासी की भर्ती में 85% ग्रेजुएट, M.Sc, B.Tech और PHD धारक परीक्षा दे रहे हैं. 53 हजार 749 पदों के लिए करीब 25 लाख लोगों ने आवेदन किया है. सभी का कहना है कि बड़ी नौकरियों की रिक्तियां नहीं आ रही हैं, और जो आईं, उनमें पेपर लीक के कारण चयन नहीं हो पाया.
जयपुर के गांधीनगर परीक्षा केंद्र के बाहर लगी कतारें देश के पढ़े-लिखे युवाओं की हैं, जो सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में चाय-पानी परोसने और फाइलें ढोने के लिए चपरासी बनना चाहते हैं. परीक्षा केंद्र से निकलकर बस स्टैंड पर जाएं, तो बस की खिड़कियों में सीट पाने के लिए संघर्ष दिखता है, क्योंकि सीटें कम और अभ्यर्थी ज्यादा हैं.
जयपुर बस स्टैंड पर सीकर के नरेंद्र बिजाणियां मैथ्स में एमएससी और बीएड हैं, पिछले पांच साल से पेपर लीक के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल रहे हैं. 30 की उम्र नजदीक आने पर वे चपरासी की नौकरी के लिए तैयार हो गए.
ज्यादातर एमएससी और बीटेक अभ्यर्थी टीवी पर चेहरा नहीं दिखाना चाहते थे. उनका कहना था कि गांव वाले और रिश्तेदार समझते हैं कि वे बहुत पढ़े-लिखे हैं, लेकिन चपरासी की नौकरी के लिए परीक्षा देते देख शर्मिंदगी होगी. मुंह छिपाकर भागते इन युवाओं को देखना दुखद है, पर यही हकीकत है. जिन स्कूलों में टीचर बनने के लिए बीएड और बीएसटीसी की डिग्री ली, वहां वे घंटी बजाने और पानी पिलाने को मजबूर हैं.
राजस्थान के 38 जिलों में 1,286 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां हर पाली में 4 लाख 11 हजार 843 अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे हैं.
राजस्थान में पढ़े-लिखे युवाओं में बेरोजगारी की सबसे बड़ी वजह पेपर लीक है. वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के शासन में 30 से ज्यादा परीक्षाओं में पेपर लीक हुए, जिससे योग्य अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सका. डमी कैंडिडेट और फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी हासिल करने के मामले भी सामने आए हैं.
कांग्रेस के कई नेताओं ने नियमों में संशोधन की मांग की है, ताकि कम योग्यता वाली नौकरियों में 10वीं पास को प्राथमिकता मिले. कांग्रेस विधायक डीसी बैरवा ने कहा कि बीए पास टीचर को पीएचडी वाला स्कूल में पानी कैसे पिलाएगा?
नकल माफियाओं की जड़ें इतनी गहरी हैं कि पहले दिन 1700 अभ्यर्थियों के फोटो डुप्लिकेट पाए गए, जिन्हें परीक्षा से वंचित किया गया. नकल रोकने के लिए सख्त जांच हो रही है. अभ्यर्थी नंगे पांव परीक्षा दे रहे हैं, और नाक-कान के गहने भीउतरवाए जा रहे हैं.