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मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: न्यायिक हिरासत में भेजा गया मुख्य आरोपी, 21 को अगली सुनवाई

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. उसे बुधवार को चार आरोपियों रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके के साथ कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इस केस की जांच कर रही एसआईटी ने सुरेश को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. वो 3 जनवरी को मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद से ही फरार था.

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पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने बताया था कि इस हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी ने रविवार देर रात हैदराबाद से सुरेश चंद्राकर को गिरफ्तार किया था. उसको सोमवार बीजापुर लाया गया. इस मामले में सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर (33) 1 जनवरी को लापता हो गए थे. उनका शव 3 जनवरी को मिला था.

आरोपियों ने हत्या के बाद मुकेश चंद्राकर के शव को बीजापुर शहर के चट्टनपारा बस्ती में सेप्टिक टैंक में डाल दिया था. बीजापुर में सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली एक खबर, जिसे एनडीटीवी पर 25 दिसंबर को दिखाया गया था, को मुकेश चंद्राकर की हत्या के पीछे की वजह माना जा रहा है. उक्त निर्माण कार्य ठेकेदार सुरेश चंद्राकर से जुड़ा था. छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दावा किया था कि सुरेश चंद्राकर कांग्रेस नेता रहा है.

इसके साथ ही अधिकारियों ने आरोपी सुरेश चंद्राकर की अवैध संपत्तियों और अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि सुरेश चंद्राकर द्वारा बीजापुर-गंगालूर रोड के किनारे वन भूमि पर कब्जा करने के बाद बनाए गए एक निर्माण यार्ड को ढहा दिया गया है. पुलिस ने सुरेश चंद्राकर और अन्य आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. अब तक सुरेश चंद्राकर के तीन खातों को होल्ड कर दिया गया है.

मुकेश चंद्राकर ने अप्रैल 2021 में बीजापुर के टकलगुडा नक्सली हमले के बाद माओवादियों की कैद से कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को रिहा कराने में अहम भूमिका निभाई थी. इस हमले में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक स्पेशल यूनिट है, जो जंगल में ऑपरेशन को अंजाम देती है. मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद से ही लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है.

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