आजकल ठग इतने शातिर हो गए हैं कि वह बड़ी चालाकी कर बड़ी आसानी से भोले भाले लोगों को अपना निशाना बना लेते हैं. अब नया मामला छत्तीसगढ़ के जांजगीर से सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने पहले खुद ही फर्जी बैंक बनाया. इसके बाद उस बैंक में लोगों ने पैसे जमा करने शुरू कर दिए, जब फर्जी बैंक में 50 से 60 लाख रुपये जमा हो गए, तो वह शख्स सभी के पैसे लेकर रफूचक्कर हो गया. हालांकि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
ठगी का ये नया मामला जांजगीर के नवागढ़ थाना क्षेत्र का है, जहां कमलेश देवगन नाम के शिकायतकर्ता ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि मुख्तार अली नाम का एक शख्स और उसका बेटा अमोदा गांव में किराने की दुकान चलाता था. इसके साथ ही वह दोनों ऑनलाइन लेन-देन का काम भी करते थे. लंबे समय तक दुकान चलाने के बाद दोनों ने अपना एक बैंक बना लिया.
किस्तों में जमा किए पैसे
मुख्तार अली और उसके बेटे ने अपने आप को एरियोल्ड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड अमोदा नाम के बैंक का बताया. उन्होंने लोगों से कहा कि उनके इस बैंक में पैसे जमा करने पर हर महीने एक या दो प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा. लोगों ने उन पर विश्वास किया और बैंक में पैसे जमा करने शुरू कर दिए. वह किस्तों में लोगों के पैसे बैंक में जमा कराते थे. इसके बाद उनके बैंक में अच्छी रकम जमा होने लगी.
60 लाख रुपये लेकर फरार
शिकायतकर्ता कमलेश देवगन ने बताया कि उसने खुद भी तीन साल में 24 किस्तों में 23 लाख रुपये मुख्तार और उसके बेटे के बैंक में जमा कराए थे. कमलेश के अलावा गांव के और लोगों ने भी उनके ‘एरियोल्ड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड अमोदा’ नाम के बैंक में पैसे जमा कराए थे. गावं के 20 से 25 लोगों ने इस बैंक में करीब 50 से 60 लाख रुपये जमा किए थे, जो लेकर मुख्तार अली और उसका बेटा भाग गया था, लेकिन पुलिस ने उसे रायपुर से दबोच लिया और गिरफ्तार कर लिया.