बांदा जेल में एक साल बाद खुलेगी मुख्तार अंसारी की बैरक, कोर्ट के आदेश पर परिजनों को मिलेगा सामान..

यूपी की बांदा जेल में बंद रहे पूर्वांचल के मुख्तार अंसारी का नाम एक बार फिर चर्चा में आ गया है. पिछले साल 28 मार्च को मुख्तार की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी, जिसके बाद उनकी बैरक को जज और मजिस्ट्रेट की निगरानी में सील कर दिया गया था. लेकिन अब एक साल बाद फिर मुख्तार की बैरक खुलने वाली है.

Advertisement

कोर्ट ने जेल प्रशासन को ऑर्डर दिया है कि मुख्तार की बैरक में रखे सामान को उसके परिजनों को सौप दिया जाए, बाकायदा इसकी वीडियोग्राफी कराई जाए, एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में लिखापढ़ी में सामान सौंपा जाए. जिसके लिए जेल प्रशासन ने कोर्ट का ऑर्डर मिलने के बाद मुख्तार अंसारी के परिजनों को लेटर लिख दिया है. वहीं मुख्तार की मौत के मामले में चल रही मजिस्ट्रेट और ज्यूडिशियल जांच भी क्लोज कर दी गई है, किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं मिली, रिपोर्ट के मुताबिक मुख्तार की मौत हार्ट अटैक से हुई थी.

पिछली साल हुई थी मुख्तार अंसारी की मौत

आपको बता दें पूर्वांचल का डॉन मुख्तार अंसारी को बीते अप्रैल 2021 में पंजाब के रोपड़ जेल से बांदा जेल शिफ्ट किया गया था, तब से मुख्तार बांदा जेल में बैरक नंबर 16 में बंद था. पेशी के लिए कुछ बार उसे बांदा से ले जाया गया, लेकिन वो हमेशा कोर्ट में सुरक्षा का हवाला देकर बांदा जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी की गुहार लगाता रहा. इसके साथ-साथ बांदा जेल प्रशासन के साथ-साथ जिला प्रशासन के अफसरों पर गंभीर आरोप लगाता रहा. इस दौरान उसकी कई बार तबीयत बिगड़ी, उसकी अचानक तबीयत 26 मार्च 2024 को बिगड़ी, जिसके बाद उसे बांदा के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. चेकअप के बाद उसे वापस बांदा जेल शिफ्ट कर दिया, फिर 28 मार्च 2024 को अचानक देर शाम उसकी तबीयत बिगड़ी.

जेल प्रशासन के अफसरों ने उसे बांदा जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां 8:25 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया, CM योगी ने आपातकाल मीटिंग बुलाई. एसपी अंकुर अग्रवाल ने पूरे सुरक्षा व्यवस्था के साथ मेडिकल कालेज में पोस्टमार्टम कराया गया, बिसरा सुरक्षित किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मुख्तार की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई थी.

खाने में जहर का आरोप लगा रहे थे परिजन

वहीं मुख्तार के परिजन शुरू से ही जेल प्रशासन पर खाने में जहर देने, इलाज न देने सहित कई गंभीर आरोप लगा रहे थे, जिसके बाद मजिस्ट्रेट और ज्यूडिशियल जांच के आदेश दिए गए थे. दोनों जांच में मुख्तार के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हुई और जांच रिपोर्ट अफसरों ने शासन को भेज दी है. इसके अलावा मुख्तार के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है जो मामला कोर्ट में चल रहा है.

परिजनों को सौंपा जाएगा सामान

मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसकी बैरक को सीज कर दिया गया था. जिसके मामले में बांदा की कोर्ट ने खोलने का आदेश जेल प्रशासन को दिया है कि मुख्तार अंसारी का सामान उसके परिजनों को वीडियोग्राफी और मजिस्ट्रेट की निगरानी में सौप दिया जाए. जिसके बाद जेल प्रशासन ने मुख्तार के परिजनों को लेटर लिख दिया है. लेकिन सुरक्षा और जान का खतरा बताते हुए परिजनों ने एक वकील नॉमिनेट किया है, जो बांदा जेल से लिखापढ़ी में मुख्तार की बैरक में रखा उसका सामान लेगा.

 

 

Advertisements