मुख्तार अंसारी के MLA बेटे अब्बास को SC से बड़ी राहत, इन शर्तों पर मिली गाजीपुर जाने की इजाजत 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूपी गैंगस्टर एक्ट केस में विधायक अब्बास अंसारी को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने उन पर लगाई गई जमानत की शर्त में ढील देते हुए उन्हें मऊ निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने के दौरान गाजीपुर में घर पर रहने की अनुमति दी है. इसके बाद दिवंगत गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अब हफ्ते मे तीन रात घर पर रह सकते हैं. लेकिन इस दौरान कोई राजनीतिक बयान नहीं दे सकते. इससे पहले उनको लखनऊ मे ही रुकने की इजाजत थी.

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर गोपनीय रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेने वाले जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने अदालत के 7 मार्च के आदेश को संशोधित किया है. इसमें अब्बास अंसारी पर जमानत की कई शर्तें लगाई गई थीं. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने कहा कि अब्बास पिछले दो-तीन तारीखों से अपने खिलाफ मामलों में पेश नहीं हो रहे हैं. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि उन पर लगाई गई शर्तें इसका कारण हो सकती हैं

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि विधायक न तो अपने आधिकारिक लखनऊ स्थित घर से बाहर निकले और न ही पिछले छह महीनों में अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया. उन्होंने अब्बास अंसारी की ओर से कोर्ट में कहा, “मेरा मऊ निर्वाचन क्षेत्र लखनऊ से 350 किलोमीटर दूर है. मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाकर उसी दिन वापस कैसे आ सकता हूं? मेरा घर गाजीपुर से सिर्फ 40 किमी दूर है, कृपया मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र में रहने की अनुमति दें

पीठ ने अब्बास अंसारी को राज्य सरकार द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने की भी अनुमति दी. 7 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अब्बास को छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी. उन्हें लखनऊ में अपने आधिकारिक आवास में रहने और मऊ में अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने से पहले अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेने के लिए कहा था. इस मामले में जमानत राहत ने अंसारी की कासगंज जेल से रिहाई का रास्ता साफ कर दिया है.

 

सुप्रीम कोर्ट ने उनसे अदालत की पूर्व अनुमति के बिना उत्तर प्रदेश नहीं छोड़ने और उनके खिलाफ मामलों में विभिन्न अदालतों में पेश होने से एक दिन पहले पुलिस अधिकारियों को सूचित करने के लिए कहा था. कोर्ट ने लंबित मामलों पर सार्वजनिक रूप से बोलने से उन्हें रोकते हुए 6 सप्ताह में अंसारी द्वारा जमानत शर्तों के अनुपालन पर पुलिस से गोपनीय स्थिति रिपोर्ट मांगी थी. उनको 4 नवंबर, 2022 को अन्य आपराधिक मामलों में हिरासत में लिया गया था.

 

6 सितंबर, 2024 को गैंगस्टर अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था. 31 जनवरी को पुलिस मुठभेड़ के डर से अंसारी ने गैंगस्टर एक्ट के तहत एक मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही में वर्चुअल रूप से पेश होने की मांग की थी. उन्होंने पेश किया कि वो कासगंज की जेल से वर्चुअल रूप से अदालत में पेश हो रहे थे, लेकिन बाद में यह सुविधा बंद कर दी गई. कोर्ट इस आधार पर वर्चुअल सुनवाई की याचिका को खारिज कर दिया कि उसमे कोई प्रार्थना नहीं की गई थी.

 

कपिल सिब्बल को इस याचिका के साथ हाईकोर्ट जाने के लिए कहा गया था. पिछले साल 18 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी थाने में 31 अगस्त 2024 को अब्बास अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम की धारा 2, 3 के तहत केस दर्ज किया गया था.

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