रामानुजगंज में छत्तीसगढ़ का पहला गौ मुक्ति धाम, दो साल में 1000 से ज्यादा गोवंश का हुआ अंतिम संस्कार

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में राज्य का पहला गौ मुक्ति धाम स्थापित किया गया है। रिंग रोड वार्ड क्रमांक 3 में बने इस धाम ने पिछले दो वर्षों में 1000 से अधिक गोवंश का विधिवत अंतिम संस्कार किया है। यह पहल पशुपालकों के लिए बड़ी राहत साबित हो रही है।

नगर में बड़ी संख्या में पशुपालक रहते हैं, जो गोवंश का पालन करते हैं। पहले मृत गोवंश के अंतिम संस्कार की कोई सुव्यवस्थित व्यवस्था नहीं थी। पशुपालकों को या तो मृत पशु को दूर फेंकना पड़ता था या गड्ढे में दफनाना पड़ता था। इस प्रक्रिया में उन्हें 1500 से 2500 रुपए तक का खर्च उठाना पड़ता था।

इस समस्या के समाधान के लिए तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष रमन अग्रवाल ने पहल की और दो एकड़ क्षेत्र में फैले इस गौ मुक्तिधाम का निर्माण कराया। सफाई दरोगा बेचू प्रजापति के अनुसार, धाम का निर्माण लगभग दो साल पहले किया गया था।

नगर पालिका अध्यक्ष रमन अग्रवाल ने जानकारी दी कि अब नगर पालिका मृत गोवंश को गौ मुक्तिधाम तक ले जाने की पूरी व्यवस्था करती है। पशुपालकों को केवल कफन, नमक और अगरबत्ती जैसी सामग्री की व्यवस्था करनी होती है। शेष सभी खर्च और प्रबंधन नगर पालिका वहन करती है।

इस व्यवस्था से न केवल पशुपालकों को आर्थिक राहत मिली है, बल्कि नगर में स्वच्छता बनाए रखने में भी मदद मिल रही है। पहले जहां सड़कों या खुले स्थानों पर मृत पशुओं को छोड़ दिया जाता था, अब उनकी विधिवत अंतिम क्रिया की जाती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कदम सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। गौवंश का सम्मानजनक अंतिम संस्कार होने से समाज में सकारात्मक संदेश जा रहा है। इसके अलावा नगर की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण में भी इसका योगदान है।

रामानुजगंज का यह गौ मुक्तिधाम अब पूरे प्रदेश के लिए एक आदर्श मॉडल बन गया है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी इस तरह के गौ मुक्तिधाम स्थापित किए जाएंगे।

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