आज दोपहर में दिल्ली लाया जाएगा मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा, तिहाड़ में रखा जाएगा, NIA कोर्ट में होगी पेशी

अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से विशेष विमान के जरिए आज भारत लाया जा रहा है. वह गुरुवार दोपहर दिल्ली पहुंचेगा, जहां उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया जाएगा. इसके बाद उसे राजधानी की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा, जहां उसकी सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं. इससे पहले राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां एनआईए आरोपी की कस्टडी की मांग करेगी.

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जानकारी के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश पर राणा को विशेष एनआईए न्यायाधीश के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किए जाने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार, यदि वर्चुअल पेशी संभव नहीं होती, तो उसे विशेष न्यायाधीश के आवास पर शारीरिक रूप से प्रस्तुत किया जा सकता है, क्योंकि महावीर जयंती के चलते कोर्ट बंद रहेगी.

अदालत की तैयारी और केस ट्रांसफर

इस हाई-प्रोफाइल मामले की सुनवाई दिल्ली स्थित विशेष एनआईए अदालत में होगी. फरवरी 2024 में पटियाला हाउस कोर्ट ने मुंबई हमलों से संबंधित ट्रायल रिकॉर्ड वापस मंगवाए थे. यह फैसला NIA की उस याचिका पर लिया गया था जिसमें मुंबई से सभी केस रिकॉर्ड दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की गई थी. अब चूंकि केस की सुनवाई दिल्ली में होगी, राणा को मुंबई नहीं ले जाया जाएगा.

कौन है तहव्वुर हुसैन राणा?

तहव्वुर राणा पाकिस्तान सेना का पूर्व कप्तान और कनाडा-निवासी व्यवसायी है. उस पर आरोप है कि उसने अमेरिका में अपनी इमिग्रेशन फर्म का दुरुपयोग कर 26/11 हमले के सह-षड्यंत्रकारी डेविड हेडली को फर्जी दस्तावेज़ उपलब्ध कराए, जिनका उपयोग मुंबई में रेकी के लिए किया गया. उसने नवंबर 2008 में खुद भी मुंबई की यात्रा की थी. बताया जाता है कि उसने पवई स्थित होटल रेनैसांस में ठहरकर हमले की लॉजिस्टिक तैयारियों की समीक्षा की थी.

प्रत्यर्पण की लंबी लड़ाई

भारत ने राणा की प्रत्यर्पण की मांग 2018 में की थी. कानूनी लड़ाई के बाद फरवरी 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने औपचारिक रूप से राणा के भारत प्रत्यर्पण की घोषणा की. हालांकि राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में इस पर रोक की मांग की, लेकिन उसकी याचिका खारिज कर दी गई. अब उस पर भारत की विशेष एनआईए अदालत में मुकदमा चलेगा, और उसे 2008 के उस आतंकी हमले के लिए न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाएगा, जिसमें 166 निर्दोष लोगों की जान गई थी.

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