मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में कथित अनियमितताओं के मामले में जांच के बाद मुख्य आरोपी हितेश मेहता को गिरफ्तार कर लिया है. EOW ने हितेश मेहता को समन भेजा था. इसके बाद हितेश ईओडब्ल्यू के ऑफिस पहुंचे थे. इस दौरान टीम ने उनसे पूछताछ की. इसके बाद हितेश को गिरफ्तार किया गया है.
मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कारोबार प्रतिबंध लगाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को बैंक के संचालन में गंभीर अनियमितताओं का हवाला देते हुए इसके बोर्ड को बर्खास्त कर पुनरुद्धार के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया था. सूत्रों के मुताबिक बैंक में कुछ कर्मचारियों द्वारा फंड की हेराफेरी की गई, जिससे यह संकट उत्पन्न हुआ. आरबीआई के फैसले के बाद कल सुबह से ही परेशान ग्राहक अपने पैसे निकालने की उम्मीद में बैंक शाखाओं के बाहर जुटने लगे, लेकिन उन्हें बैंक परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई.
हितेश पर कैसे कसा शिकंजा?
बता दें कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पूर्व महाप्रबंधक हितेश प्रवीनचंद मेहता पर बैंक से 122 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का आरोप लगा है. आरोप है कि जब वे महाप्रबंधक के पद पर थे और दादर और गोरेगांव शाखाओं के प्रभारी थे, तब उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर यह घोटाला किया. बैंक के मुख्य लेखा अधिकारी द्वारा दादर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस को संदेह है कि इस घोटाले में हितेश के अलावा एक अन्य व्यक्ति भी शामिल हो सकता है. इस मामले की आगे की जांच के लिए इसे आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दिया गया है. मुंबई पुलिस ने कहा कि ये घोटाला वर्ष 2020 से 2025 के बीच हुआ. दादर पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 316 (5) और 61 (2) के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है.
आरबीआई ने की कड़ी कार्रवाई
आरबीआई ने शुक्रवार को बैंक के बोर्ड को एक वर्ष के लिए बर्खास्त कर दिया और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक श्रीकांत को प्रशासक नियुक्त किया. इसके अलावा, बैंक की सहायता के लिए सलाहकार समिति भी गठित की गई, जिसमें एसबीआई के पूर्व महाप्रबंधक रवींद्र सपरा और चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिजीत देशमुख को शामिल किया गया है. आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि बैंक में कमजोर प्रशासनिक मानकों के चलते यह कार्रवाई आवश्यक हो गई थी. सूत्रों के अनुसार बैंक के मुख्य अनुपालन अधिकारी (CCO) ने आरबीआई द्वारा की गई ‘स्पॉट इंस्पेक्शन’ के बाद गुरुवार को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में शिकायत दर्ज कराई थी.
निकासी और ऋण पर रोक
आरबीआई ने गुरुवार को बैंक द्वारा नए लोन जारी करने और जमा राशि निकालने पर रोक लगा दी थी. ये प्रतिबंध अगले छह महीनों तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन रहेंगे. आरबीआई ने कहा कि बैंक की वर्तमान लिक्विडिटी को देखते हुए बैंक को बचत या चालू खाता या किसी अन्य खाते से निकासी की अनुमति नहीं दी जाएगी.