मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट-9 ने एक ऐसे पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है, जो कथित रूप से बांग्लादेश से आए अवैध घुसपैठियों के लिए फर्जी भारतीय दस्तावेज तैयार कराने का एक बड़ा रैकेट चला रहे थे. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान पुरुषोत्तम प्रसाद शर्मा (57) और उनकी पत्नी मंजू पुरुषोत्तम शर्मा उर्फ मंजू उर्फ अल्ताफ शेख (42) के रूप में हुई है. दोनों मालाड क्षेत्र के निवासी हैं.
क्राइम ब्रांच को इनपुट मिला था कि कुछ लोग मुंबई में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के लिए भारतीय पहचान पत्र (जैसेआधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड आदि) बनवाने में मदद कर रहे हैं. जांच के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम ने जाल बिछाकर दोनों आरोपियों को पकड़ा.
कई फर्जी दस्तावेज बरामद
छापेमारी के दौरान पुलिस को आरोपियों के पास से कई फर्जी दस्तावेज, पासपोर्ट फॉर्म, आधार कार्ड के फॉर्म, बैंक खाता खोलने से जुड़े पेपर्स, मोबाइल सिम कार्ड्स और डिजिटल डिवाइसेज मिले हैं, जिनका उपयोग दस्तावेज तैयार करने और अवैध प्रवासियों को स्थापित करने के लिए किया जाता था.
अवैध प्रवासियों से करते थे संपर्क
पुलिस के अनुसार, यह पति-पत्नी पहले बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों से संपर्क करते थे या दलालों के माध्यम से उन तक पहुंचते थे. फिर फर्जी पते, नकली नाम और बदली हुई तस्वीरों के आधार पर दस्तावेज तैयार किए जाते थे. इन पहचान पत्रों का इस्तेमाल बैंक खाता खोलने, सिम कार्ड लेने, रहने का प्रमाण दिखाने, और रोजगार पाने में किया जाता था.
सरकारी कर्मचारियों या एजेंटों की मदद
दस्तावेज वैध दिखें, इसके लिए आरोपी सरकारी कर्मचारियों या एजेंटों की मदद भी लेते थे. मुंबई पुलिस ने दोनों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत, साथ ही फॉरेनर्स एक्ट व पासपोर्ट एक्ट जैसी धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस अब यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनकी मदद से अब तक कितने बांग्लादेशी प्रवासियों को फर्जी दस्तावेज दिए गए, इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल हैं, क्या इनका संबंध किसी अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से है?