राजस्थान में वन स्टेट, वन इलेक्शन को लेकर राज्य की भजनलाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग आमने-सामने है. राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 10 दिन में निकाय और पंचायत चुनाव की घोषणा होगी. वन स्टेट, वन इलेक्शन व्यावहारिक नहीं, जबकि भजनलाल सरकार का कहना है कि चुनाव वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत ही होंगे.
राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त मधुकर गुप्ता ने कहा कि जिन पंचायत और निकायों का 5 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. उनमें 2 महीने में चुनाव करा देंगे.
राजस्थान हाईकोर्ट ने इस बाबत आदेश दिया था. उसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. राज्य के चुनाव आयुक्त मधुकर गुप्ता ने कहा कि आगामी 10 दिनों में निकाय और पंचायत चुनाव की घोषणा कर देंगे.
जिनका कार्यकाल पूरा हो गया, वहां होंगे चुनाव
मधुकर गुप्ता ने कहा कि जिन निकायों और पंचायतों के 5 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है उन पंचायतों में हम चुनाव कराएंगे और जहां पर अभी कार्यकाल बाकी है उनमें आगे देखा जाएगा.
गुप्ता ने कहा कि संविधान में हर 5 साल में चुनाव कराने जाने का प्रावधान है और उसी के मद्देनजर हाईकोर्ट ने चुनाव कराने के आदेश दिए थे. इसीलिए आयोग हाईकोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए समय पर चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में एक से दो महीने लगेंगे, इसके तहत मतदाता सूचियां को अपडेट सहित कई प्रक्रिया पूरी करनी होगी. उन्होंने कहा कि वहीं जिन निकायों और पंचायतों का परिसीमन की कार्रवाई पूरी हो चुकी है, अगर उनका नोटिफिकेशन निकल जाता है तो नए परिसीमन के आदेशों के मुताबिक चुनाव करवाए जाएंगे.
चुनाव आयोग के साथ राज्य सरकार का घमासान
मधुकर गुप्ता ने कहा कि यह व्यावहारिक तौर पर ठीक नहीं है, जब तक संविधान में संशोधन नहीं होगा तब तक एक वक्त में चुनाव नहीं हो पाएगा और जहां पर 5 साल पूरे नहीं हुए हैं उनके कार्यकाल को कैसे खत्म करेंगे? क्योंकि कार्यकाल न घटाया जा सकता है और न ही बढ़ाया जा सकता है.
वरिष्ठ चुनाव अधिकारी का कहना है कि वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत नगर निकाय और पंचायत के चुनाव एक साथ हो, लेकिन जहां पर निकाय और पंचायत में 5 साल के कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है, वहां पर चुनाव कैसे कराए जाएंगे?