मध्य प्रदेश में गांव के नाम बदलने का सिलसिला जारी है. इस बार मुख्यमंत्री मोहन यादव ने देवास जिले के 54 गांवों के नाम बदलने का ऐलान किया है.
देवास जिले के पीपलरांवा गांव में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव को BJP जिलाध्यक्ष ने गांवों के नाम बदलने की एक सूची दी. जिलाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से कहा कि यह जनभावना की मांग है.
मुख्यमंत्री ने मंच पर ही जिलाध्यक्ष रायसिंह सैंधव का प्रस्ताव स्वीकार किया और नाम बदलने का ऐलान कर दिया. साथ ही इस संबंध में मुख्यमंत्री कलेक्टर को ज़रूरी प्रक्रियाएं पूरी करने के निर्देश भी दिए. अब प्रशासनिक स्तर पर इन जगहों के नामों को बदला जाएगा.
बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि जब मुख्यमंत्री ने मंच से इस तरह गांव के नाम बदलने का ऐलान किया है, बीते जनवरी माह में भी जब मुख्यमंत्री शाजापुर जिले के दौरे पर थे, तब मंच से ही उन्होंने 11 गांवों के नाम बदल दिए थे.
उज्जैन दौरे पर भी मुख्यमंत्री ने तीन गांव (मौलाना, गजनी खेड़ी और जहांगीरपुर) गांवों के नाम बदलने का ऐलान किया था. CM ने उस दौरान ऐलान करते हुए कहा था कि मौलाना गांव का नाम लिखो तो पेन अटकता है, इसलिए उन्होंने नाम बदलकर विक्रम नगर कर दिया.
हालांकि, एक नज़र में देखा जाए ज़्यादातर ऐसे गांवों के नाम बदले गए हैं, जिनके नाम उर्दू-अरबी में हैं या कोई इस्लामिक नाम हैं. देवास में ही जिन 54 गांवों के नाम बदलने का अनुरोध जिलाध्यक्ष ने किया था, उनका नाम मुरादपुर, हैदरपुर, शमशाबाद और इस्लाम नगर है. मुख्यमंत्री को जिलाध्यक्ष ने वर्तमान नाम के साथ प्रस्तावित नाम भी लिख कर दिए. जैसे कि मुरादपुर का मुरलीपुर, हैदरपुर का हीरापुर, शमशाबाद का श्यामपुर, इस्माइल खेड़ी का ईश्वरपुर, अलीपुर का रामपुर, नबीपुर का नयापुरा और मिर्ज़ापुर का मीरापुर.
BJP जिलाध्यक्ष ने CM के निर्णय को गुलामी के प्रतीकों को समाप्त करने और गौरवमय भारतीय संस्कृति को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया.