छत्तीसगढ़ में हत्या की दो अलग-अलग वारदातों का खुलासा हुआ है। डोंगरगढ़ में दोस्त को ढाई लाख रुपए दिए उधार की वसूली के लिए ठेकेदार ने उसकी हत्या के लिए 5 से 6 लाख की सुपारी दे दी।
वहीं जशपुर में एक 15 साल की नाबालिग ने अपने पिता की हत्या कर दी। नाबालिग अपने पिता के रोज शराब पीकर झगड़ा करने से परेशान थी। पुलिस ने दोनों मामलों में आरोपियों को पकड़ लिया है।
डोंगरगढ़ के करवारी रोड पर खून से लथपथ एक शव मिला। ग्रामीणों ने रात में सड़क पर खून से सना शव देखा तो डोंगरगढ़ थाना की पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही मौके पहुंची पुलिस ने शव की शिनाख्त की तो उसकी पहचान कन्हारगांव निवासी देवलाल मंडावी के रूप में हुई।
सीसीटीवी में आरोपियों का सुराग
इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो पता चला कि देवलाल ग्राम करवारी निवासी योगेश चौरे के साथ स्कूटी से जाते दिखा। संदेह के आधार पर पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो इस हत्याकांड में महेन्द्र नेताम और ओमकार मंडावी का नाम भी सामने आया है।
पुलिस ने तीनों संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में उन्होंने जुर्म कबूल कर लिया और साजिश की पूरी कहानी सामने आ गई।
दोस्त से लिए था ढाई लाख उधार
पुलिस ने बताया कि इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी ओमकार मंडावी है, जो पेशे से ईंट भट्ठा ठेकेदार है और मृतक देवलाल मंडावी का पुराना दोस्त है। देवलाल ने ओमकार से सात साल पहले ढाई लाख रुपए उधार लिए थे। कुछ समय बाद जब वो उधार की रकम की मांग की तो देवलाल उससे झगड़ता, यहां तक कि झूठे केस में फंसाने की धमकी भी देता।
उधार की रकम मांगने पर झूठे केस में फंसाने की देता था धमकी
हत्या के एक सप्ताह पहले भी गांव में देवलाल ने ओमकार को फर्जी केस में फंसा देने की धमकी दी थी। ओमकार आए दिन देवलाल की धमकियों से परेशान हो गया है। ओमकार ने देवलाल को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
उसने यह बात अपने करवारी निवासी भांजे महेंद्र नेताम से बताई। महेन्द्र ने अपने दोस्त योगेश चौरे को हत्या के लिए तैयार किया। उसने कहा, देवलाल को जान से मारना है, मेरे मामा को बहुत परेशान कर रहा है।
इसके बाद तीनों ने मिलकर देवलाल की हत्या की प्लानिंग की। ओमकार ने कहा, देवलाल को मारना है, जितना खर्चा लगेगा मैं दूंगा। तब योगेश बोला, इस काम के लिए 5-6 लाख रुपए लगेंगे तो ओमकार तैयार हो गया।
योजना के मुताबिक टूटी बाइक का बहाना बनाकर देवलाल को बुलाया गया। प्लान के तहत देवलाल को बाइक के बहाने घर से बुलवाया। फिर उसे शराब पिलाई गई। 20 अप्रैल की रात, जब वह नशे में अकेले करवारी रोड की ओर गया, तभी महेन्द्र और योगेश ने उसका पीछा किया और सागौन की मोटी लकड़ी से सिर और चेहरे पर वार कर उसकी हत्या कर दी।
वारदात के बाद दोनों फरार हो गए। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और सबूतों के ज़रिए तीनों आरोपियों को धर दबोचा। पूछताछ में उन्होंने जुर्म कबूल कर लिया।