भोपाल: टेरर फंडिंग के मामले में हिरासत के दौरान एक आरोपी की मौत के मामले में हरियाणा पुलिस ने मध्य प्रदेश एटीएस की टीम पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. हरियाणा पुलिस ने मृतक हिमांशु के चाचा चंदन कुमार की शिकायत पर यह कार्रवाई की है. उधर कार्रवाई में लापरवाही से हिरासत में मौत के मामले में एडीजी इंटेलीजेंस योगेश देशमुख ने एटीएस टीम में शामिल सभी नौ सदस्यों को निलंबित कर दिया है. टीम में इंस्पेक्टर सहित हेड कांस्टेबल और आरक्षक शामिल हैं.
एटीएस का दावा भागने की कोशिश में लगाई थी छलांग
एटीएस की नौ सदस्यीय टीम टेरर फंडिंग के मामले में हरियाणा के सोहना गई थी. टीम ने वहां कुछ लोगों को हिरासत में लिया था और सोहना के एक होटल में सभी से पूछताछ की जा रही थी. एटीएस ने दावा किया है कि पूछताछ के दौरान मंगलवार की दोपहर हिरासत में लिए गए मृतक हिमांशु ने बाथरूम जाने का कहा.
आरोपी की हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुई मौत
वह तीसरी मंजिल की गैलरी में आया और वहां से भागने की फिराक में उसने बिजली केबल को पकड़कर छलांग लगाने की कोशिश की. लेकिन वह तार को नहीं पकड़ पाया और सीधे नीचे गिर गया. गंभीर हालत में उसे हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई.
हरियाणा पुलिस को घटना की जानकारी स्थानीय हॉस्पिटल से मिली थी. बताया जा रहा है कि एटीएस ने इस पूरी कार्रवाई की सूचना स्थानीय थाना पुलिस को नहीं दी थी. उधर इस मामले की न्यायिक जांच भी शुरू हो गई है. एडीजी इंटेलीजेंस योगेश देशमुख के मुताबिक “एक आरोपी की तीसरी मंजिल से कूदने से मौत हो गई. इस मामले में कार्रवाई की गई है.”
बाकी 5 आरोपियों को एमपी लेकर आ रही टीम
उधर इस घटना के बाद एमपी साइबर सेल की टीम बाकी 5 आरोपियों को पकड़कर भोपाल आ रही है. एटीएस का दावा है कि आरोपियों से पुलिस को करीबन 14 लैपटॉप, 1 टैबलेट, 41 मोबाइल फोन और 85 डेबिट कार्ड मिले हैं. पुलिस का दावा है कि पकड़े गए आरोपियों में से मृतक हिमांशु ही टेरर फंडिंग के पूरे नेटवर्क को संभालता था.