Left Banner
Right Banner

वक्फ बिल पर जेडीयू के समर्थन से मुस्लिम नेताओं में नाराजगी, डॉ. कासिम अंसारी ने इस्तीफा दिया…

वक्फ बिल को लेकर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के समर्थन के बाद पार्टी के मुस्लिम नेताओं में असंतोष बढ़ गया है. इस मुद्दे पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता डॉ. मोहम्मद कासिम अंसारी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. डॉ. अंसारी जेडीयू के वरिष्ठ नेता रहे हैं और बिहार के पूर्वी चंपारण जिले की ढाका विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार भी रह चुके हैं. उनके इस्तीफे के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. ये फैसला जेडीयू के अंदर असंतोष की ओर इशारा करने वाला है. खासकर मुस्लिम समुदाय से जुड़े नेताओं में.

नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा देते हुए कासिम अंसारी ने कहा कि हम जैसे लाखों करोड़ों भारतीय मुसलमानों का अटूट विश्वास था कि आप विशुद्ध रूप से सेक्युलर विचारधारा के ध्वजवाहक हैं, लेकिन अब ये यकीन टूट चुका है. वक्फ बिल पर जेडीयू के स्टैंड से हम जैसे लाखों करोड़ों समर्पित भारतीय मुसलमानों और कार्यकर्ताओं को गहरा आघात लगा है.

कासिम अंसारी ने कहा कि लोकसभा में ललन सिंह ने जिस तेवर और अंदाज से अपना वक्तव्य दिया और इस बिल का समर्थन किया, उससे हम लोग काफी मर्माहत हैं. वक्फ बिल हम भारतीय मुसलमानों को खिलाफ है. हम इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं कर सकते. यह बिल संविधान के कई मौलिक अधिकारों का हनन करता है. इस बिल के जरिए भारतीय मुसलमानों को जलील किया जा रहा है. साथ ही ये बिल पसमांदा विरोधी भी है. जिसका अहसास न आपको (नीतीश कुमार) है न ही आपकी पार्टी को. मुझे अफसोस हो रहा है कि अपनी जिंदगी के कई साल पार्टी को दिए. कासिम ने नीतीश कुमार को लिखे पत्र में कहा कि मैं पार्टी के प्राथमिक सदस्य और अन्य जिम्मेदारियों से स्वेच्छा से त्यागपत्र दे रहा हूं.

जेडीयू ने किया वक्फ बिल का समर्थन

बता दें कि वक्फ संशोधन बिल का जेडीयू ने समर्थन किया है. जेडीयू सांसद और केंद्र सरकार में पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा था कि ये नैरेटिव बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि ये बिल मुसलमान विरोधी है. ये बिल कहीं से भी मुसलमान विरोधी नहीं है. वक्फ कोई मुस्लिम संस्था है क्या. वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं, एक ट्रस्ट है जो मुसलमानों के कल्याण के लिए काम करता है. उस ट्रस्ट को ये अधिकार होना चाहिए कि वो सभी वर्गों के लोगों के साथ न्याय करे, जो नहीं हो रहा है. ये विनियामक है और प्रशासनिक निकाय है जो मुसलमानों के हक के लिए काम करता है.

Advertisements
Advertisement