छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पिछले 15 दिनों से लापता छात्र की बंद स्कूल में क्षत-विक्षत हालत में लाश मिली है। उसकी हत्या कर शव को बंद स्कूल में छिपाने की आशंका है। बच्चे के गायब होने के बाद से उसके परिजन परेशान थे। उसकी तलाश के लिए एसपी दफ्तर और थाने का चक्कर काट रहे थे। मामला रतनपुर थाना क्षेत्र का है।
दरअसल, ग्राम भरारी निवासी चिन्मय सूर्यवंशी (13) 8वीं का छात्र था। पिछले 31 जुलाई की शाम करीब 4.30 बजे अपने घर से निकला था। जिसके बाद घर नहीं लौटा। इससे परेशान उनके परिजन आसपास और रिश्तेदारों के यहां तलाश करते रहे। साथ ही थाने में भी बच्चे के गायब होने की जानकारी दी। परिजनों ने एक लाख का इनाम घोषित किया था।
परिजनों को थी अनहोनी की आशंका
मासूम चिन्मय के परिवार को शुरू से शक था कि, कोई अज्ञात व्यक्ति उसे बहला कर अपहरण कर ले गया है। जिसके चलते वो अपने मासूम बेटे की तलाश के लिए लगातार थाने और एसपी ऑफिस का चक्कर काट रहे थे।
निराश परिजनों ने घोषित किया था एक लाख का इनाम
तमाम खोजबीन के बावजूद मासूम चिन्मय का कुछ पता नहीं चला। इससे हताश और निराश होकर परिजनों ने उसके सुरक्षित घर वापसी के लिए आम लोगों से मदद की अपील की थी। उन्होंने पंपलेट भी छपवाया और आसपास के गांव में चस्पा किया। परिजनों ने चिन्मय की जानकारी देने वाले को एक लाख रुपए इनाम देने की घोषणा भी की थी।
गांव के ही पुराने स्कूल में मिला शव, हत्या की आशंका
वहीं, गुरुवार को गांव के कुछ लोगों को पुराने स्कूल तरफ से बदबू आई, तब लोगों ने वहां जाकर देखा। इस दौरान मासूम चिन्मय की लाश बंद पड़े स्कूल के कमरे में दिखी। बच्चे की लाश मिलने की जानकारी पुलिस को दी गई। खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।
टीआई नरेश चौहान ने बताया कि, डेड बॉडी पूरी तरह से डिकंपोज हो गया है। ऐसे में जांच के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट और डॉग स्क्वायड को बुलाया गया है। उन्होंने आशंका जताई है कि, बच्चे की हत्या के बाद शव को छिपाया गया है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
10 महीने से बंद है स्कूल
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि, करीब 10 महीने पहले गांव में नया स्कूल भवन बनकर तैयार हुआ था। जिसके बाद स्कूल की कक्षाएं नए स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया था। वहीं पुराने स्कूल भवन बंद पड़ी थी।
15 दिनों तक हाथ पर हाथ धरी बैठी रही
परिजनों का आरोप है कि, बच्चे के गायब होने के दूसरे ही दिन एक अगस्त को रतनपुर थाने में सूचना दे दी थी। जिसके बाद पुलिस ने बच्चे की जानकारी जुटाकर तलाश करने का भरोसा दिलाया। लेकिन, उसका कोई सुराग हाथ नहीं लगा। इस दौरान पुलिस की टीम गांव जाकर पूछताछ कर लौट गई। वहीं, परेशान परिजन लगातार पतासाजी करते रहे। लेकिन, पुलिस हाथ पर हाथ धरी बैठी रही।