मुजफ्फरनगर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुजफ्फरनगर के नेहा पब्लिक स्कूल की 60 वर्षीय शिक्षिका और प्रिंसिपल (तृप्ता त्यागी) को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।जिन पर अपने स्टूडेंट्स से मुस्लिम स्टूडेंट को थप्पड़ मारने के लिए कहने और उसके खिलाफ सांप्रदायिक गाली-गलौज करने का आरोप है।
हालांकि, जस्टिस दीपक वर्मा की पीठ ने दो सप्ताह तक या जब तक वह नियमित जमानत के लिए संबंधित न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं कर देती, जो भी पहले हो, उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
इस साल अक्टूबर में स्थानीय अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद त्यागी पर धारा 323, 504, 295(ए) आईपीसी और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया गया। उसके वकील ने तर्क दिया कि वह निर्दोष है और उसे गलत इरादे से इस मामले में फंसाया गया। FIR में आरोपित अपराध की अवधि 3 साल से कम है।
उक्त घटना का वीडियो पिछले साल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिससे लोगों में काफी आक्रोश फैल गया था। हालांकि, आरोपी शिक्षक ने कहा कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई और जानबूझकर “हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बनाने” के लिए प्रसारित किया गया।
उन्होंने दावा किया कि दिव्यांग व्यक्ति के रूप में वह उठने में असमर्थ थी और छात्र को उसकी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास में उसने कुछ बच्चों से उसे दो-तीन बार थप्पड़ मारने को कहा। घटना के बाद एक्टिविस्ट तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की, जिसमें उचित और समयबद्ध जांच की मांग की गई।